मणिपुरी नृत्य के पुरोधा राजकुमार सिंहजित सिंह को वर्ष 2014 के टैगोर सांस्कृतिक समरसता पुरस्कार के लिए चुना गया है।
पुरस्कार में एक करोड़ रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र, पट्टिका और पारंपरिक दस्तकारी/हथकरघा से बना उत्कृष्ट उपहार प्रदान किया जाता है।
इस वार्षिक पुरस्कार को भारत सरकार ने गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती के दौरान शुरू किया था।
राजकुमार सिंहजित सिंह ने पारंपरिक मणिपुरी शैली के नृत्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट रचनात्मकता प्रस्तुत की है।
उन्होंने शानदार शिक्षक, कलाकार और कुशल नृत्यकार के रूप में विशेष स्थान प्राप्त किया है।
उनकी नृत्य कला ने थांग-ता, नट-संकीर्तन, लाइ-हराउबा और रसीला शैलियों को ऊंचाई प्रदान की।
सिंहजित सिंहने मणिपुरी नृत्य की परंपरा को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और समरसता को प्रोत्साहित किया। वे अपने नृत्य से गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री रबिन्द्रनाथ टैगोर मणिपुरी नृत्य से बहुत प्रभावित थे और उन्होंने मणिपुरी नृत्य को विश्व भारती के शैक्षिक पाठ्यक्रम में भी शामिल किया था।
वर्ष 2015 और 2016 के लिए टैगोर सांस्कृतिक समरसता पुरस्कार क्रमशः बांग्लादेश के सांस्कृतिक संगठन छायानट और भारत के महान मूर्तिकार श्री राम वनजी सुतार को दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने यह फैसला किया है।
निर्णायक मंडल में भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री रंजन गोगोई, श्री एन. गोपालास्वामी और डॉ. विनय सहस्रबुद्धे शामिल हैं।
निर्णायक मंडल ने 24 अक्टूबर, 2018 को हुई विस्तृत चर्चा के दौरान एक मत से निर्णय किया कि श्री राजकुमार सिंहजित सिंह, छायानट और श्री राम वनजी सुतार को क्रमशः वर्ष 2014, 2015 और 2016 के लिए टैगोर पुरस्कार प्रदान किए जाएं।
पहला टैगोर पुरस्कार 2012 में भारत के महान सितारवादक पंडित रविशंकर को और दूसरा पुरस्कार 2013 में श्री जुबीन मेहता को प्रदान किया गया। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, आस्था या लिंग से इतर हर व्यक्ति के लिए खुला है।
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