चीन (China) के साथ भारत के व्यापार असंतुलन (trade imbalance) को दूर करने के लिए ठोस कदम (concrete steps) उठाना जरूरी है।
छठी भारत-चीन महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र वार्ता (Sixth India-China Strategic Economic Dialogue / SED) के दौरान भारतीय पक्ष का नेतृत्व कर रहे नीति आयोग (Niti Ayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (Dr. Rajiv Kumar) ने यह बात कही।
छठी भारत-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता (Sixth India-China Strategic Economic Dialogue ) की आज 9 सितंबर,2019 को नई दिल्ली में बैठक सम्पन्न हो गयी।
भारत-चीन के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए (SED) एक महत्वपूर्ण तंत्र है।
भारत-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता (SED) के दौरान छह कार्य समूहों ( six working groups) में व्यावहारिक और परिणाम उन्मुख विचार-विमर्श किया गया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि द्विपक्षीय व्यापार (bilateral trade) और निवेश प्रवाह (investment flows) को सुविधाजनक बनाने और दोनों पक्षों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए SED एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में उभरा है।
छठी भारत-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता (SED) में पायलट सेक्शन में दिल्ली.आगरा हाई स्पीड रेलवे (Delhi-Agra high speed railway ) की संभावना तलाशने वाले अध्ययन परियोजना को आगे बढ़ाने के साथ-साथ सहयोग के सभी क्षेत्रों में अगले चरणों की पहचान करने पर विस्तृत चर्चा की गई ।
भारत-चीन महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र वार्ता (Sixth India-China Strategic Economic Dialogue ) में दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश की समीक्षा के लिए गहन विचार-विमर्श किया तथा संचार के नियमित चैनलों को सक्रिय करने के लिए गतिविधियों के वार्षिक कैलेंडर का आदान.प्रदान करने के लिए सहमत हुए।
भारतीय पक्ष का नेतृत्व नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और चीनी पक्ष (Chinese side) का नेतृत्व एन.डी.आर.सी.(NDRC) के अध्यक्ष हे लिफेंग (He Lifeng) ने किया।
दोनों पक्षों ने वैकल्पिक सामग्री से सौर सेल के निर्माण के लिए नई तकनीक विकसित करने और सौर कोशिकाओं की दक्षता में सुधार के लिए अनुसंधान और विकास में सहयोग पर सहमति व्यक्त की।
भारत-चीन महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र वार्ता (Sixth India-China Strategic Economic Dialogue ) में दोनों पक्ष ई-गतिशीलता और ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में सहयोग पर भी सहमत हुए।
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