हैदराबाद, 30 अगस्त | तेलंगाना विधानसभा ने मंगलवार को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक की पुष्टि कर दी। इस विधेयक को संसद ने इसी माह पारित किया है। दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से जीएसटी विधेयक (122वां संविधान संशोधन विधेयक 2014) की पुष्टि के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्य विधानसभा में विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने का स्वागत किया और कहा कि यह एक अच्छा दृष्टांत बनेगा।
विधेयक की पुष्टि के लिए आहूत विशेष सत्र के लिए जैसे ही सदन में सदस्य जुटे, मुख्यमंत्री ने इसका प्रस्ताव पेश किया।
उन्होंने कहा कि विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति के लिए पेश करने से पहले देश के आधे राज्यों की विधानसभाओं की पुष्टि की जरूरत है।
उन्होंने सदन को बताया कि पूरे देश में एक समान कर प्रणाली लागू करने के लिए लाए गए इस विधेयक की नौ राज्य पहले ही पुष्टि कर चुके हैं। दुनिया के 150 देश इसी का पालन कर रहे हैं।
राव ने कहा कि कोई भी राज्य अपना कर राजस्व जाने देने के लिए तैयार नहीं है और सभी राज्यों ने केंद्र से अपने हितों की रक्षा करने का आग्रह किया है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि केंद्र ने भरोसा दिया है कि यदि जीएसटी लागू करने से राज्यों को राजस्व का कोई नुकसान होता है तो वह पांच साल तक उसकी भरपाई करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से सेवा क्षेत्र का विस्तार होगा और राज्य को इससे लाभ होगा, क्योंकि सेवा कर में उसका 50 प्रतिशत हिस्सा होगा। राज्य में सेवाकर बढ़कर 35 प्रतिशत हो रहा है।
राव ने सदन को यह भी बताया कि संविधान संशोधन विधेयक पारित करना सिर्फ प्रक्रिया की शुरुआत है, क्योंकि जीएसटी परिषद को सभी राज्यों के साथ विचार-विमर्श करके इसका तौर-तरीका और कर ढांचा तैयार करना होगा। उसके बाद ही उसे संसद में एक विधेयक के रूप में स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
विधान परिषद में उप मुख्यमंत्री कादियम श्रीहरि ने प्रस्ताव पेश किया, जिसे दलगत भावना से ऊपर उठकर सदस्यों ने पारित कर दिया। –आईएएनएस
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