Union HRD Minister Prakash Javadekar

लर्निग आउटकम के नियम शिक्षा अधिकार कानून में शामिल होंगे : जावड़ेकर

नई दिल्ली, 8 दिसम्बर| केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि अकादमिक सत्र के अंत में छात्रों के निष्पादन का मूल्यांकन करने के लिए ‘लर्निग आउटकम’ (अध्ययन परिणाम) को पारिभाषित करने वाले नियम अगले साल मार्च महीने से शिक्षा के अधिकार कानून के अंग बन जाएंगे। ‘एजेंडा आज तक’ कार्यक्रम में यहां जावड़ेकर ने घोषणा की कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए साल 2017-18 से 10वीं कक्षा की बार्ड परीक्षा को फिर से अनिवार्य बनाया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में हमने ‘लर्निग आउटकम’ को पारिभाषित किया है और अगले एक महीने में इसको अंतिम रूप दे दिया जाएगा। अगले साल मार्च महीने तक ‘लर्निग आउटकम’ शिक्षा के अधिकार के नियमों का अंग बन जाएगा।”

जावड़ेकर ने कहा, “‘लर्निग आउटकम’ हर साल की समाप्ति के बाद छात्रों के निष्पादन के लिए प्रतिमान तय करेगा और अगले साल के अकादमिक सत्र (2017-18) से यह लागू होगा।”

उन्होंने कहा कि ‘लर्निग आउटकम’ छात्रों की क्षमता और निष्पादन के मूल्यांकन और उनके शिक्षा के स्तर में सुधार करने में मदद करेगा। ये आकलन करेंगे कि छात्रों की लिखने, पढ़ने और गणितीय योग्यता क्या होनी चाहिए।

‘लर्निग आउटकम’ को संहिताबद्ध करने और इसे शिक्षा के अधिकार कानून में शामिल करने का निर्णय गत 25 अक्टूबर को केंद्रय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की 64 वीं बैठक में किया गया। –आईएएनएस

(फाइल फोटो)