बर्लिन, 30 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा “संपन्नता के मार्ग में आतंकवाद तथा अतिवाद बड़ी चुनौतियां है। हम हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ मजबूत और एकजुट एक्शन चाहते हैं। इस विषय पर द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की संभावनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है। साइबर सिक्योरिटी और एविएशन सिक्योरिटी में भी हम सहयोग मजबूत करेंगे। वैश्विक मंच पर अनेक विषयों पर भारत और जर्मनी न सिर्फ़ क्लोस्ली कंसल्ट करते हैं, बल्कि हमारे विचार भी मिलते जुलते हैं।
बर्लिन में मंगलवार को प्रधानमंत्री ने अपने लिखित प्रेस वक्तव्य में चांसलर अंगेला मर्केल की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज विश्व को चांसलर मर्केल जैसे सुदृढ़ तथा सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। हम दोनों देश डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी की नींव पर खड़े हैं, और इसी प्रकार के ग्लोबल आर्डर की अपेक्षा रखते हैं।
The Prime Minister, Shri Narendra Modi and the German Chancellor, Dr. Angela Merkel at Berlin’s Brandenburg Gate, Germany on May 30, 2017.
भारत और जर्मनी की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का महत्व केवल द्विपक्षीय नहीं है, बल्कि संबंधो का एक अत्यंत प्रभावशाली क्षेत्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य भी है। एशिया मे उभरती नई चुनौतिया एवं यूरोप तथा विश्व के समक्ष अवसर तथा चुनौतियाों पर भी हमने विस्तार से चर्चा की। मुझे प्रसन्नता है कि पिछले तीन वर्षों में हमारे उच्चस्तरीय संपर्कों में काफी बढ़ोतरी हुई है।
मोदी ने कहा भारत के तेज गति से हो रहे विकास में अपने मित्र देशों की सकारात्मक भूमिका का स्वागत करते हैं और जर्मनी इसमें अग्रिम देशो मे से एक हैं। जर्मन बिज़नेस तथा इंडस्ट्री भारत की आर्थिक प्राथमिकताओ की बढती हुई उपलब्धियों मे एक महत्वपूर्ण पार्टनर है। हमने जर्मनी की कंपनियों के लिए एक फ़ास्ट ट्रैक सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया था, जो कि बहुत अच्छा काम कर रही है। मेक इन इंडिया के मिशन में जर्मनी की कंपनियों के निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है।
भारत की विशाल युवा जनसंख्या को रोजगार से जोड़ने के लिए स्किल इंडिया के मिशन में भी जर्मनी की अहम् भागीदारी है। भारत की स्किल्ड वर्कफोर्स केवल भारत ही के ट्रांसफॉर्मेशन का एक पिलर नहीं है अपितु हम इसे पूरे विश्व के विकास एक महत्वपूर्ण रिसोर्स मानते है। आज मशीन टूल्स सेक्टर में स्किलिंग के काम मे सहयोग पर सहमति दोनों देशों के लिए लाभकारी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा पर्यावरण की रक्षा हर देश का अहम् कर्तव्य है। इसी कारण हमारे सहयोग का एक अहम् क्षेत्र है रिन्यूएबल एनर्जी का। भारत 2022 तक 175 गीगावाट रिन्यूएबल पॉवर जेनेरेट करना चाहता है। इस वर्ष March तक हमने लगभग 57 गीगावाट तक का काम पूरा भी किया है। इस सेक्टर में जर्मनी की कंपनियों के लिए और हमारी डेवलपमेंट पार्टनरशिप के लिए, अनेक अवसर बन रहे हैं। इस के अतिरिक्त, रेलवेज, सिविल एविएशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, अर्बन मोबिलिटी और स्मार्ट सिटीज जैसे सेक्टर्स में भी हम दोनों देशों की मजबूत साझेदारी मे भरपूर विकास हुआ है। साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारा सहयोग दोनों समाजो के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है। इस सहयोग को हम अत्यंत मूल्यवान मानते हैं। इस क्षेत्र मे जर्मनी हमारा सेकंड लार्जेस्ट पार्टनर है।
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