आतंकवाद (terrorism) को कठोरता से रोकने संबंधी विधेयक 2 अगस्त,2019 को राज्यसभा (Rajya Sabha) ने भी पास कर दिया। लोकसभा पहले ही इसे पास कर चुकी है।
राज्यसभा में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2019 (Unlawful Activities (Prevention) Amendment Bill, 2019) के पक्ष में 147 और विपक्ष में 42 वोट पड़े।
विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि आतंकवाद (terrorism) रोकने के लिए जो भी कानून लाया जाये उस पर सभी को समर्थन करना चाहिए क्योंकि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है, वह इंसानियत के खिलाफ होता है।
इस विधेयक में आतंकी से संबंध होने पर संगठन के अलावा किसी शख्स को भी आतंकी घोषित करने का प्रावधान शामिल है। विधेयक लोकसभा पहले ही पास हो चुका है।
विधेयक पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि आतंकवाद (terrorism) से लड़ने वाली एजेंसियों को चार कदम आगे बढ़कर काम करना होगा तभी आतंकवाद खत्म होगा।
उनका कहना था कि इन प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य आतंकी अपराधों की द्रुत गति से जांच और अभियोजन की सुविधा प्रदान करना है।
अमित शाह ने कानून के विरोध में वक्तव्य देने वाले सदस्यों से कहा कि यह कानून आपने ही बनाया और 2004 में, 2008 तथा 2013 में संशोधन का हमने समर्थन किया किंतु विपक्ष में जाते ही आपकी नजर, नजारा और भाषण बदल गये। उनका कहना था कि
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यूएपीए या किसी अन्य कानून में व्यक्तिगत आतंकवादी को नामित करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, जब किसी आतंकवादी संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो उसके सदस्य एक नया संगठन बनाते हैं।
व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के मामले पर शाह ने यासीन भटकल का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि 2009 में ही यासीन भटकल को आतंकवादी घोषित कर दिया गया होता तो परिस्थितियाँ अलग होती।
गृह मंत्री का कह्ना था कि संस्था व्यक्ति से बनती है और घटना व्यक्ति करता है संस्था नहीं करती है इसलिए व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करना आवश्यक है।
अमित शाह का कह्ना था कि आतंकवाद (terrorism) आज पूरे विश्व की समस्या है इसलिये दुनिया के कई देशों के अंदर अपने-अपने कानून बनाए गए हैं।
शाह ने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में भी एक व्यक्ति को आतंकवादी के रूप में नामित करने के समान प्रावधान हैं।
उन्होँने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सहित विश्व के कई देशों में व्यक्ति को आतंकवादी घोषित किया जाता है।
अमित शाह ने कहा कि कानून के दुरुपयोग रोकने के लिए बहुत सारी सावधानियां रखी गई हैं।
विपक्ष के द्वारा कानून के दुरूपयोग की आशंका का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि विपक्ष को इमरजेंसी का समय याद करना चाहिए जब कानून का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हुआ।
शाह ने यह भी कहा कि समझौता एक्सप्रेस मामले में पहले कुछ आरोपी पकड़े गए बाद में राजनीतिक कारणों से नकली मामला बना कर दूसरों को आरोपी बनाया गया।
शाह ने कहा कि वर्तमान में यूएपीए के प्रावधानों के अनुसार, आतंकवाद (terrorism) से जुड़ी संपत्ति को केवल उस राज्य के डीजीपी द्वारा लिखित अनुमोदन के साथ जब्त किया जा सकता है, जिसमें ऐसी संपत्ति स्थित है।
अमित शाह ने कहा कि कई बार आतंकी विभिन्न राज्यों में अपनी संपत्ति रखते हैं। ऐसे मामलों में अलग-अलग राज्यों के डीजीपी की मंजूरी लेना मुश्किल हो जाता है और जिसके कारण होने वाली देरी से अभियुक्तों की संपत्ति आदि को स्थानांतरित किया जा सकता है।
“इसलिए जल्द से जल्द आतंकवाद से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करना आवश्यक है। यह संशोधन डीजी एनआईए को ऐसी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है जो एनआईए द्वारा की जा रही जांच के संबंध में आतंकवाद से जुड़ी है। उन्होँने यह भी कहा कि एनआएए की सजा की दर 91 प्रतिशत है जो वैश्विक स्तर पर सर्वंश्रेस्ठ है” – अमित शाह ने कहा।
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