नई दिल्ली, 2 सितम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कट्टरवाद और बढ़ती हिंसा से केवल भारत और मिस्र को ही नहीं, बल्कि इस क्षेत्र के अन्य देशों को भी खतरा है। भारत दौरे पर आए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति (अल-सीसी) और मेरा विचार एक समान है, यह कि बढ़ती हिंसा और कट्टरवाद तथा आतंक के प्रसार से असली खतरा केवल हमारे दो देशों को ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के समुदायों और देशों को है।”
उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में हम रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमत हैं।”
मोदी ने आगे कहा कि दोनों देशों ने रक्षा व्यापार, प्रशिक्षण, युद्ध क्षमता निर्माण के क्षेत्र में संबंधों को विस्तार देने और आतंकवाद से लड़ने हेतु सूचनाओं के बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उत्पन्न हो रही चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ मादक पदार्थो की तस्करी, अंतर्राष्ट्रीय अपराधों और धनशोधन को रोकने लिए सहयोग कर रहे हैं।
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मिस्र के मौजूदा कार्यकाल की सराहना की और चीन के हांग्जो शहर में होने वाली जी-20 देशों की बैठक में मिस्र की भागीदारी का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, “समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ दो प्राचीन और गौरवान्वित सभ्यताओं के रूप में हमने दोनों देशों के लोगों के बीच बड़े पैमाने पर संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान आसान बनाने का भी फैसला किया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मौजूदा कार्यकाल के दौरान मिस्र के अच्छे कामों की प्रशंसा की है। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र और उसके बाहर निकटता से विचार-विमर्श करने के हमारे निर्णय से हमारे समान हितों को लाभ होगा।” –आईएएनएस
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