रेडियो तरंगों के आधार पर अपने लक्ष्य भेदने वाली पहली मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया।
जमीन से हवा में मार करने में सक्षम स्वदेशी तकनीक से युक्त मिसाइल आकाश का मंगलवार को आईटीआर रेंज चांदीपुर में कॉम्पलेक्स 3 से दोपहर 1:48 मिनट पर सफल परीक्षण किया गया।
यह पहली जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसमें रेडियो तरंगों के आधार पर अपने लक्ष्य को भेदने के लिए स्वदेशी तकनीक युक्त प्रणाली का प्रयोग किया गया है।
मिसाइल का रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल प्रणाली के जरिए सभी स्तरों पर परीक्षण हुआ। परीक्षण के दौरान महानिदेशक (मिसाइल), डीआरडीओ और रक्षा मंत्री (एसए से आरएम) के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ जी सतीश रेड्डी, डीआरडीएल के निदेशक एमएसआर प्रसाद, कार्यक्रम निदेशक जी चंद्र मौली, आईटीआर के निदेशक डॉ. बी. के. दास सहित डीआरडीओ के शीर्ष वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहाकर ने डीआरडीओ के सभी वैज्ञानिकों और सैन्य बलों को सफल परीक्षण के लिए बधाई दी।
इस मिसाइल को सेना में जमीन से हवा में कम दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल के तौर पर शामिल किया गया है। इस सफल परीक्षण के बाद भारत ने किसी भी तरह की जमीन से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइल बनाने की क्षमता हासिल कर ली है।
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