लखनऊ, 30 अगस्त । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन तभी सफल होगा, जब समाज भी उस दिशा में आगे बढ़ेगा। उन्होंने परिवर्तन की दिशा को स्पष्ट करते हुए सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, ग्राम विकास जैसे सकारात्मक विषय को लेकर चलने की सलाह दी।
भागवत ने कहा कि बार-बार गुलाम होने वाला समाज नहीं चाहिए। ऐसा समाज चाहिए जो कभी गुलाम न हो। संघ उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। भागवत सोमवार को निराला नगर के सरस्वती कुंज माधव सभागार में ‘आरएसएस’ तथा समवैचारिक संगठनों के स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं की एक दिवसीय समन्वय बैठक में बोल रहे थे।
भागवत ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन तभी सफल होगा, जब समाज भी उस दिशा में आगे बढ़ेगा। उन्होंने परिवर्तन की दिशा को स्पष्ट करते हुए सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, ग्राम विकास जैसे सकारात्मक विषय को लेकर चलने की सलाह दी।
संघ प्रमुख ने कहा कि स्वयंसेवक होने के नाते हमारा परस्पर मिलन होना चाहिए। अपने-अपने क्षेत्रों में बहुत अच्छा करने के बावजूद ‘स्वयंसेवकत्व’ याद रखना आवश्यक है।
इस दौरान भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, मधुभाई कुलकर्णी अशोक बेरी, अनिल ओक, डॉ देवेन्द्र प्रताप सिंह, राम कुमार, वीरेन्द्र जायसवाल आदि मौजूद रहे।
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