देहरादून, 25 नवंबर (जस)। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने समाज व राज्य के विकास में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा स्वयं हमें ईश्वर का मार्ग दिखाती है। यह व्यक्ति के भीतर दया, करूणा, जागरूकता एवं आत्मविश्वास का भाव उत्पन्न करती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान देश के सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के कानून का समान संरक्षण एवं कानून के समक्ष समानता का अधिकार प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री रावत ने बुधवार को बिलीवर्स चर्च द्वारा सुद्धोवाला देहरादून में आयोजित ‘‘ब्रिज आॅफ होप’’ वार्षिक दिवस एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम 2016 में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित ईसाई समुदाय को सम्बोधित करते हुए रावत ने कहा कि जिस प्रकार से ईशू समाज मौन रूप से सामाजिक उद्देश्यों के लिए कार्यरत है यह अत्यन्त प्रंशसनीय है।
रावत ने कहा कि शिक्षा को विशेष बढ़ावा देने के साथ ही समानता एवं अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने में ईसाई समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य सरकार द्वारा भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हमने केरल के समान उपलब्धि प्राप्त की है। हम केरल से भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करना चाहते है। सौभाग्यवश उत्तराखण्ड राज्य के पास शिक्षा विशेषकर तकनीकी शिक्षा का व्यापक एवं दृढ आधार पहले से उपस्थित है। राज्य में पाॅलीटेक्नीक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं का व्यापक जाल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याण व विकास हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाओ का संचालन किया जा रहा है। राज्य भर के कब्रितानों के चारदीवारी की कार्यवाही गतिमान है। ईसाई समुदाय के कब्रिस्तानों हेतु भूमि आवंटन हेतु जिलाधिकारियों को भी निर्देशित कर दिया जाएगा। कानून व व्यवस्था के अन्तर्गत सभी धर्मो को बिना किसी भेदभाव के सुरक्षा प्राप्त है।
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