नई दिल्ली, 16 दिसम्बर | कालाधन रोकने के लिए चलाए जा रहे नोटबंदी अभियान पर सरकार की ओर से एक और स्पष्टीकरण आया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि एक नकदी विहीन अर्थव्यवस्था की ओर कदम बढ़ावा वास्तव में एक कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था है क्योंकि कोई भी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से नकदी विहीन नहीं हो सकती। वित्त मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जेटली ने यह टिप्पणी संसदीय सलाहकार समिति की पांचवीं बैठक की शुरुआत में की। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेन-देन एक समानांतर व्यवस्था है और यह नकद लेन-देन के बदले में नहीं है, क्योंकि कोई भी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से नकदी विहीन नहीं हो सकती।
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘नकदी विहीन अर्थव्यवस्था वास्तव में कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था’ है।
बयान में कहा गया है कि जेटली ने कहा, “डिजिटल भुगतान और लेन-देन के जरिए धीरे-धीरे नकदी को एक हद तक कम किया जा सकता है।”
मंत्रालय के अनुसार, जेटली ने कमेटी के सदस्यों को कहा कि सरकार आम आदमी को कम से कम तकलीफ हो, इसके लिए प्रयास कर रही है।
उन्होंने स्वीकार किया कि अर्थव्यवस्था में नकदी कम करने की कुछ दिखाई देने वाली और कुछ छिपी कीमत चुकानी होती हैं। सरकार ने पिछले हफ्ते डिजिटल भुगतान को गति देने के लिए 11 उपायों की घोषणा की थी।
इन उपायों में पेट्रोल और डीजल के लिए कार्ड से भुगतान करने पर 0.75 प्रतिशत की छूट शामिल है।
जेटली ने कहा, “ग्राहक डिजिटल भुगतान करने पर अधिक छूट पाएंगे क्योंकि केंद्र सरकार के सभी उपक्रम यह सुनिश्चित करेंगे कि लेन देने शुल्क और व्यापारिक रियायत दर (एमडीआर) शुल्क, ऐसे भुगतानों पर खत्म कर दिए गए हैं।”
उपनगरीय रेलवे मासिक एवं सीजन टिकट डिजिटल भुगतान कर लेने पर 0.5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यह अगले वर्ष एक जनवरी से लागू होगी। इसकी शुरुआत मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क से होगी।
जेटली ने यह भी घोषणा की हुई है कि सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के लिए ऑनलाइन भुगतान पर आम बीमा पर 10 प्रतिशत छूट और जीवन बीमा की नीतियों पर आठ प्रतिशत छूट दी जाएगी। –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews