कमाई से फिल्म की कामयाबी नहीं आंकी जा सकती : गिरीश कुलकर्णी

नई दिल्ली, 19 दिसंबर । मराठी फिल्म ‘देऊल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके गिरीश कुलकर्णी फिल्म ‘दंगल’ में आमिर खान के कोच की भूमिका में दिखाई देने वाले हैं। उनका दावा है कि यह फिल्म एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है। हालांकि, गिरीश का मानना है कि किसी फिल्म की सफलता, असफलता उसकी कमाई से आंकी नहीं जा सकती।

गिरीश के ‘दंगल’ से जुड़ने का सफर भी काफी रोचक रहाहै। वह इसके बारे में बताता हुए कहते हैं, “एक दिन अचानक ही मुझे फिल्म के कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा ने मिलने के लिए बुलाया। उन्होंने मुझे दंगल फिल्म के बारे में बताया। मुझे फिल्म की कहानी बहुत भा गई। मुझसे कहा गया कि आपको आमिर खान के साथ एक सीन करना है और अगर उन्हें भा गया तो आपको फिल्म में जगह मिल जाएगी। आमिर को सीन पसंद आया और मुझे इस तरह दंगल मिल गई।”

गिरीश आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में आमिर खान के साथ काम करने के अनुभव के बारे में कहते हैं, “उनके साथ काम करके ही आपको उनकी शख्सियत के बारे में पता चल सकता है। वह बहुत मेहनती और हर काम शिद्दत के साथ करते हैं। आमिर सेट पर दबाव बनाकर नहीं रखते थे। मैं थिएटर से जुड़ा हुआ शख्स हूं और इस फिल्म की शूटिंग के दौरान थिएटर जैसा ही अनुशासन था।”

फिल्म के लिए उन्होंने व्यक्तिगत रूप से किस तरह की तैयारी की है? इस सवाल के जवाब में गिरीश ने बताया, “मैंने निजी तौर पर किरदार को समझने की कोशिश की। मैं स्पोटर्स कल्चर से वाकिफ नहीं था और कुश्ती से तो बिल्कुल भी नहीं। इसलिए मेरे लिए चुनौती बहुत बढ़ गई। कोच की कार्यशैलियों, उनकी भाव भंगिमाओं, बॉडी लैंग्वेज आदि के बारे में जानकारी जुटाई। खुद व्यायाम और अन्य वर्जिश करनी शुरू की और एक अच्छे शिक्षक से सीखना शुरू किया।”

यह पूछने पर कि बायोपिक को पर्दे पर उतारना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। आप इससे कितना इत्तेफाक रखते हैं। इसके जवाब में गिरीश कहते हैं, “किसी जीवित व्यक्ति के ऊपर फिल्म बनाना चुनौतीपूर्ण है। इसमें कोई दोराय नहीं है, लेकिन दंगल के बारे में मैं बता दूं कि यह फिल्म मानवीय रूप से दर्शकों को बांधे रखेगी। इससे लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। मैं खुद लेखक हूं, फिल्म लिखता हूं तो दंगल की रिलीज के बाद इसके प्रभावों को भा सकता हूं।”

उन्होंने कहा, “फिल्म की खास बात यही है कि इसे बेहद खूबसूरती से पर्दे पर उतारा गया है। यह फिल्म मानवीय पहलू को उजागर करती है, बाप-बेटियों के रिश्ते, देश के प्रति प्रेम एवं समर्पण, खेल के प्रति लगन पर आधारित है। मेरी आमिर से पहली मुलाकात 2007 में हुई थी। उस समय मेरी एक मराठी फिल्म के एक खास शो के लिए आमिर खान ‘रंग दे बसंती’ की पूरी टीम के साथ आए थे।”

गिरीश हिंदी और मराठी दोनों तरह का सिनेमा कर चुके हैं। वह दोनों फिल्म उद्योग में अंतर बताते हुए कहते हैं, “हिंदी फिल्म उद्योग की पहुंच बहुत बड़ी है। मैंने अभी तक दो हिंदी फिल्में की है और मैं इसकी दायरे को समझ सकता हूं। इसके अलावा ज्यादा अंतर नहीं है।”

वह फिल्म की सफल हो पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहते हैं, “फिल्म की कमाई कभी भी उसकी सफलता नहीं आंक सकती। आप सफलता की क्या व्याख्या करते हैं यह उस पर निर्भर है। हम पर फिल्म की कमाई को लेकर कोई दबाव नहीं है। आमिर और नीतेश भी फिल्म की कमाई को लेकर चिंतित नहीं है। फिल्म लोगों के जेहन में उतरनी चाहिए, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।” –आईएएनएस