कोलकाता, 28 जनवरी | ओलम्पिक में भारत को पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने शनिवार को कहा कि देश में जमीनी स्तर पर विशेषज्ञों और संसाधनों दोनों की कमी है और इसी कारण देश खेलों में पीछे है। बिंद्रा ने कहा कि इन खामियों को जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए।
बिंद्रा ने बीजिंग ओलम्पिक-2008 में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था। उन्हें शुक्रवार को पुन: बनाई गई टार्गेट ओलम्पिक पोडियम (टीओपी) समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया। इस समिति में दिग्गज फर्राटा धावक पी. टी. ऊषा और पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण भी शामिल हैं।
बिंद्रा से जब पूछा गया कि देश में ऐसी कोई जगह है जहां युवा निशानेबाज एक साथ सीख सकें? बिंद्रा ने इसका जवाब देते हुए कहा, “दुर्भाग्यवश नहीं। हमारे यहां ऐसी कोई जगह नहीं है। हमारे पास कई औपचारिक कोच हैं जिनके पास थोड़ा सा ही ज्ञान है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन मेरा मानना है कि विशेषज्ञता के लिए हमें अभी लंबा सफर तय करना है और भारतीय खेल जगत में इसकी कमी है।”
बिंद्रा ने कहा, “हमारे देश में जमीनी स्तर पर ज्ञान और विशेषज्ञता की कमी है। यह ऐसी चीजें हैं जिनकी जरूरत हमारे देश को है, क्योंकि जब खिलाड़ी शुरुआत करते हैं, वह समय बेहद अहम होता है। तभी उनके भविष्य की नींव रखी जाती है और तकनीक को मजबूत किया जाता है।”
बिंद्रा ने हालांकि यह माना की बीते कुछ वर्षो में कुछ हद तक हालात बदले हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।
उन्होंने कहा, “कुछ वर्षो से स्थिति में बदलाव हुआ है। अब खेल को लेकर पहले से ज्यादा विशेषज्ञ उपलब्ध हैं।”
–आईएएनएस
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