नरसिंहपुर, 31 अक्टूबर| पुलिस जवानों पर अपराध और अपराधियों पर काबू पाने के साथ समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, मगर मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव के जवानों को इसके साथ-साथ गायों को चराने की भी जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है।
गोटेगांव की पुलिस ने पिछले दिनों बेचने के लिए ले जाए जा रहे 1100 गौवंश को तीन लोगों के कब्जे से छुड़ाया था। इस गौवंश को काजी हाउस और गौशाला में भी रखने की जगह नहीं है, लिहाजा इनके लिए घास-भूसे व पानी का इंतजाम किसी के लिए आसान काम नहीं है।
गोटेगांव के थाना प्रभारी राजू रजक ने रविवार को आईएएनएस को बताया कि तीन दिन पहले श्योपुर से सिवनी ले जाए जा रहे 1100 सौ गौवंश को उन्होंने तीन लोगों से छुड़ाया था, तीनों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। अब उनके लिए इस गौवंश का पेट भरने की जिम्मेदारी आ गई है।
रजक ने आगे बताया कि इस गौवंश को चराने के लिए उन्होंने छह जवानों को लगाया है। ये जवान सुबह साढ़े 10 बजे इन मवेशियों को जंगल में लेकर जाते हैं और शाम साढ़ चार बजे लौटते हैं। उन्हें यह सब मजूबरी में करना पड़ रहा है, क्योंकि इतने मवेशियों के लिए चारे-भूसे का इंतजाम आसान नहीं है।
इन दिनों त्योहारों का मौसम है और पुलिस पर सुरक्षा की भी बड़ी अहम जिम्मेदारी है, गोटेगांव उन इलाकों में आता है जहां अपराध औसतन ज्यादा होते हैं। ऐसे में अपराधों की रोकथाम के साथ गौवंश को चराने की जिम्मदारी ने पुलिस की चुनौती बढ़ा दी है।
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