हमीरपुर (उप्र), 5 नवंबर । हमीरपुर जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ताओं को समय से डाक वितरित न करने के कारण डाकघर पर 20 हजार रुपये का जुर्माना किया है।
फोरम के रीडर स्वतंत्र रावत ने बताया कि डाक विभाग को परिवादी को एडमिट कार्ड की रजिस्ट्री देर से प्राप्त कराना महंगा साबित हुआ। जिला उपभोक्ता फोरम ने डाक विभाग पर बीस हजार रुपये का जुर्माना ठोका है और जुर्माना राशि जमा करने के लिए तीस दिनों की मोहलत दी है। वर्ना नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी भरना होगा।
सुमेरपुर कस्बे के अनुज कुमार गुप्ता ने बीते साल जुलाई माह में सुमेरपुर डाकघर के पोस्टमास्टर एवं हमीरपुर प्रधान डाकघर के डाक अधीक्षक को पक्षकार बनाते हुए जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया था। परिवादी ने मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विस में ड्राइवर के पद भर्ती के लिए आवेदन किया था।
एडमिट कार्ड वापसी के लिए 25 रुपये का डाक टिकट लगा लिफाफा भी भेजा था। मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विस के जरिए 14 जून, 2015 को लिखित परीक्षा होनी थी, जिसका एडमिट कार्ड 29 मई, 2015 को भटिंडा पंजाब से परिवादी को भेजा गया था। लेकिन डाक का लिफाफा उसे 16 जून को प्राप्त कराया गया, जबकि परीक्षा पहले हो चुकी थी।
परिवादी के अधिवक्ता रुद्रप्रताप सिंह ने बताया कि डाक विभाग की लापरवाही के कारण परिवादी नौकरी से वंचित रह गया। चूंकि परिवादी के पास वैध लाइसेंस था, साथ ही उसकी उम्र 27 वर्ष थी। इस कारण परिवादी का भविष्य बर्बाद हो गया।
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी लोगों के खिलाफ 18 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति के लिए फोरम की अदालत में प्रस्तुत किया गया है। फोरम ने प्रतिपक्ष को तलब किया, जिसमें डाक विभाग ने नियमावली बताते हुए अपना पक्ष रखा।
फोरम ने इस मामले की सुनवाई की और पत्रावली का अध्ययन करते हुए फोरम पीठ के न्यायाधीश एवं अध्यक्ष रामकुमार एवं हुमेरा फातमा उस्मानी की सदस्यीय पीठ ने क्षतिपूर्ति के लिए 15 हजार रुपये शारीरिक कष्ट एवं तीन हजार रुपये मुकदमा खर्च व दो हजार रुपये तीस दिवस के अंदर परिवादी को अदा करने के आदेश कर दिए हैं।(आईएएनएस/आईपीएन)
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