रांची, 2 सितंबर | केंद्रीय मजदूर संघों की 24 घंटे की हड़ताल से शुक्रवार को झारखंड में 90 फीसद खनन कार्य ठप रहा। लेकिन इस बंद का आम जनजीवन पर कोई असर नहीं रहा। इससे सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल) और भारत कोकिंग कोलफिल्ड लिमिटेड (बीसीसीएल) का खनन कार्य पूरी तरह से ठप रहा।
सीसीएल के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “खनन कार्य के ज्यादातर कर्मचारी आज गैरहाजिर रहे।”
सूत्रों ने बताया कि करीब 90 फीसद खनन गतिविधियां सीसीएल और बीसीसीएल दोनों जगह प्रभावित रहीं।
हालांकि, राजधानी रांची और राज्य के दूसरे हिस्सों में जनजीवन सामान्य रहा।
ट्रेड यूनियनों के नेता अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर उतरे। गोड्डा जिले में रेल सेवाएं रोकने का प्रयास कर रहे 24 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
हड़ताल का असर रांची में हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी)के कार्य और बैंक सेवाओं पर दिखाई दिया।
दूससंचार और सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाइयों (पीएसयू) में लोगों की हाजिरी बहुत कम रही।
जमदूर संघ के अध्यक्ष अजा राय ने आईएएनएस से कहा, “हम श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 18000 की मांग कर रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और दूसरे क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को सामाजिक सुरक्षा कवर दिया जाना चाहिए।”
मजदूर संघों की हड़ताल और भारतीय माओवादी पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (पीएलएफआई) के बंद के ऐलान से कई जिलों में बस सेवाएं बाधित रहीं। –आईएएनएस
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