विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रत्येक प्रवासी भारतीय NRIs की सफलता भारत की प्रशंसा है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस न केवल जड़ों को खोजने के बारे में है, बल्कि भारत की विकास कहानी का हिस्सा भी है।
वाराणसी में सोमवार, 21 जनवरी को सुबह युवा प्रवासी भारतीय दिवस शुरू हुआ। इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस का विषय ‘न्यू इंडिया के निर्माण में भारतीय प्रवासी की भूमिका’ है।
प्रवासी भारतीय दिवस के मुख्य अतिथि न्यूजीलैंड के संसद सदस्य कंवल जीत सिंह बख्शी और नॉर्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी थे। विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी मंच साझा किया।
दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए अनिवासी भारतीयों, विशेषकर युवाओं को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा भारत उन लोगों के लिए असीम अवसर प्रदान करता है जो यहां काम करना चाहते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के पूर्वज इस भूमि से थे और यह साझा पहचान हमारी ताकत है।
मंत्री ने कहा कि भारत अनुसंधान और विकास सहित उच्च शिक्षा के लिए केंद्र हो सकता है। भारत 2022 तक दुनिया के लिए कुशल जनशक्ति का स्रोत होगा।
खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि एनआरआई ने दुनिया में अपने लिए एक पहचान बनाई है। चाहे कोई भी बाहर रहे, भारत हर किसी के दिल में है।
राठौड़ ने प्रवासी भारतीयों को भारत का सबसे बड़ा राजदूत कहा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए बहुत बदलाव किये हैं ।
योगी ने सभी एनआरआई को अपने पूर्वजों की भूमि में निवेश करने के लिए भी आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इस कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। इसमें मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जुगनौथ मुख्य अतिथि होंगे। प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार बुधवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद प्रदान करेंगे।
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