There is hardly any water even in Narmada Canal

मतदाता ऐसी पार्टी को वोट देंगे जो गांव में नर्मदा का पानी लाएगी

अहमदाबाद, 01 मई। लोकसभा चुनाव 2024 की गहमागहमी के बीच बीते सालों की तरह इस साल भी गुजरात के अनेक इलाकों में पानी का संकट महसूस किया जारहा है। कुछ इलाकों में मतदाताओं का कहना है कि वे अब ऐसी पार्टी को वोट देने पर विचार कर रहे हैं जो नर्मदा का पानी लाएगी। राज्य के ग्रामीण इलाकों से आनेवाली ख़बरों में चिन्ता व्यक्त की जारही है कि सौराष्ट्र के कई गांव इस समय भी जल संकट से जूझना शुरू हो गए है।

गुजरात के सुरेंद्रनगर लोकसभा क्षेत्र के भाडुका गांव के लोगों को भीषण गर्मी के कारण पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

गुजराती अखबार मुंबई समाचार के अनुसार मुख्य सड़क से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित भाडुका  गांव में इंसानों और जानवरों के जीवित रहने के लिए ही पर्याप्त पानी है। ग्रामीण अपने जानवरों को लू से बचाने के लिए अपने हिस्से का पानी झील में डालते हैं। वे अब ऐसी पार्टी को वोट देने पर विचार कर रहे हैं जो नर्मदा का पानी लाएगी, लेकिन कोई भी अपने वादे पूरे नहीं करता।

गांव का तालाब तीन-चार साल से खाली है, साफ पानी नहीं मिलता। झील, जो दस से पंद्रह गांवों को पानी की आपूर्ति कर सकती है, इतनी बड़ी है कि दस से पंद्रह गांवों को पानी की आपूर्ति कर सकती है। हालाँकि, झील का 98% हिस्सा खाली है और केवल एक गड्ढे में पानी जमा हो रहा है।

गर्मी की लहर ने घरेलू जानवरों को भी आकर्षित किया है, जिससे स्थिति और खराब हो गई है।

जनसमाचार को मिली जानकारी के अनुसार उत्तरी गुजरात में जल स्तर 43.77% से 36.42% तक है, सरदार सरोवर बांध में औसत जल भंडारण 66.75% है।

राज्य के अधिकांश जलाशयों में जल स्तर कम है, जिनमें से अधिकांश सौराष्ट्र में हैं। कुछ जलाशय गर्मी से पहले ही सूख गए हैं, कुछ का जल स्तर 0% शून्य तक पहुंच गया है। इस साल 7 मार्च तक, केवल कुछ जलाशयों में जल स्तर 90% से ऊपर है, जबकि 8 में जल स्तर 80% और 90% के बीच है। सरदार सरोवर बांध में भी औसत जल भंडारण 66.75% है। कुछ जलाशय 0% शून्य पर पहुँच गये हैं।
80% से 90% के बीच जल स्तर वाले 8 जलाशय हैं।

इन जलाशयों में मोरबी में माछू-3, कच्छ में कालाघोघा, जूनागढ़ में हिरन, महिसागर में वानाकबोरी, साबरकांठा में जवानपुरा, दाहोद में हदफ और सूरत में लखीगाम शामिल हैं।