मुंबई, 18 मार्च | अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के लिए फिल्म जगत में शुरुआती साल बेहद तनावपूर्ण रहे, क्योंकि उनसे बहुत अपेक्षाएं थीं और एक हद सीमा भी तय थी। अनुष्का ने यहां इंडिया टुडे सम्मेलन 2017 में शुक्रवार को अपने बचपन की कुछ यादें भी साझा कीं और बताया कि उनके मूल्यों ने किस तरह उन्हें एक इंसान के रूप में आकार देने में भूमिका निभाई।
सशक्तिकरण के बारे में अनुष्का ने कहा कि उनके लिए इसका अर्थ ‘आजादी’ है।
उन्होंने कहा, “मेरे लिए सशक्तिकरण का अर्थ सोचने, फैसला लेने अपने जीवन के बारे में खुद निर्णय करने की क्षमता व स्वतंत्रता से है। साथ ही इसमें परंपरागत सोच व स्थापित मूल्यों, जिन्हें अब तक सही समझा जाता रहा है, की समीक्षा और उन्हें लेकर सवाल करने की स्वतंत्रा भी शामिल है।”
उन्होंने कहा, “हम अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं, जिस तरह से भी जिंदगी जीते हैं, उनमें हमारे मूल्यों का बेहद अहम योगदान होता है। बचपन में हम जो कुछ भी देखते-समझते हैं, उसका हम पर गहरा असर होता है।”
‘एनएस 10’ की अभिनेत्री ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें हमेशा ‘सही चीजें’ करने के लिए कहा। हालांकि यह मुश्किल है, पर उनकी खुशी का राज भी यही है।
अनुष्का ने कहा, “जीवन में सफलता की कोई गारंटी नहीं होती। लेकिन यदि आप उचित तरीके से जीवन जीते हैं तो यह कम से कम शांतिपूर्ण होगा और इसके लिए आपको कभी अफसोस नहीं होगा। इसलिए सही के लिए खड़े हों।”
बॉलीवुड में अपने शुरुआती दिनों के बारे में अनुष्का ने कहा, “मैं एक महिला होने के नाते बेहद सजग थी और इसकी वजह से मुझसे जो अपेक्षाएं तथा सीमाएं थीं, वे पूर्व-निर्धारित थीं। फिल्म जगत में अपने शुरुआती वर्षो में मैं बहुत चिंतित रहा करती थी।”
अनुष्का आगामी फिल्म ‘फिल्लौरी’ में दिखाई देंगे, जिसका निर्माण भी उन्होंने किया है। –आईएएनएस
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