तीसरे दिन मेरी मां को 39 हजार रु का चैक मिल गया। यह कैसे हुआ, आप भी जान लीजिए।
मोदी की सरकार ने वेब आधारित सुविधा ‘सेंट्रलाइज्ड पाब्लिक ग्रीवीयांस रिड्रेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीपीग्राम्स)’ की शुरूआत की है। इस नई प्रणाली के जरिए मंत्रालय शिकायतों की निगरानी कर सकता है और समयबद्ध तरीके से शिकायतों को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा लोक शिकायत कॉल सेंटर की भी स्थापना की गई है।
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं ताकि वे अपनी वेबसाइटों के जरिए जनता को सुविधाएं प्रदान कर सकें।
इस सम्बंध में मैं अपने अनुभव को साझा करना चाहता हूं जो डाक विभाग से सम्बंधित है।
मेरा अनुभव यह है कि मेरे स्वर्गीय पिता का डाकघर में एक पुराना बचत खाता था। डाकघर के कई चक्कर लगाने के बावजूद मेरी मां को भुगतान नहीं किया गया। बिहार के बेतिया स्थित छोटे से डाकघर के पोस्टमास्टर काम करने में आनाकानी कर रहे थे।कई महीनों तक पत्र व्यवहार चलता रहा, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
उसी दौरान मुझे पीजीपोर्टल- pgportal.gov.in का पता चला और मैंने तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करा दी। इस काम में सिर्फ 5-7 मिनट लगे। उसके दो घंटे के बाद मेरे मोबाइल फोन नम्बर और ई-मेल पर भेजे गए नम्बर का इस्तेमाल करके मैंने पोर्टल में लॉग ऑन किया। मुझे बताया गया कि मेरी शिकायत संसद मार्ग स्थित डाक विभाग के लोक शिकायत अधिकारी के पास भेज दी गई है।
अगले दिन सुबह पोर्टल पर मुझे अपनी शिकायत की स्थिति की जानकारी मिली कि मेरी शिकायत पटना जीपीओ के लोक शिकायत अधिकारी को प्रेषित कर दी गई है। अगले तीन घंटे के अंदर वह शिकायत पश्चिम चम्पारण डाक क्षेत्र के निरीक्षक के पास पहुंचा दी गई। यह काम बहुत तेजी से हुआ। शाम तक मेरे पास फोन आया और हमसे कहा गया कि अगले दिन माता जी को लेकर हमें डाक खाने पहुंच जाऊं। मैं ब्याज सहित 39,480 रुपये का चेक दे दिया गया।
इस तरह सीपीग्राम्स के जरिए एक नई उम्मीद पैदा हुई है और यह भरोसा होने लगा है कि शिकायतों को जल्द दूर कर लिया जाएगा।
– अमिताभ शुकला के लेख का अंश
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