Modi

जो कारोबारी नए श्रमिकों को रोजगार देंगे उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी

नई दिल्ली,30 जून। सरकार ने तय किया है कि Apparel और Made-up सेक्टर में जो भी कंपनी या कारोबारी नए श्रमिकों को रोजगार देते हैं उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी। लेकिन आर्थिक मदद का तरीका ये होगा कि वो जिस भी कर्मचारी को रखेंगे, उनके Employee Provident Fund में कंपनी की तरफ से जो 12 प्रतिशत राशि दी जाती है, उसे सरकार खुद वहन करेगी। इसका फायदा ये होगा कि ज्यादा से ज्यादा श्रमिक formal सेक्टर में शामिल होंगे।

यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को टेक्सटाइल इंडिया 2017 में कही। प्रधानमंत्री ने कहा इनकम टैक्स एक्ट के तहत भी इस सेक्टर की कंपनियों को छूट दी गई है। ऐसी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स जहां कम से कम 100 श्रमिक हैं, वो किसी नए श्रमिक को 150 दिन तक रोजगार देती हैं तो भी उन्हें टैक्स में राहत दी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा “टेक्सटाइल सेक्टर में ये अब तक का देश का सबसे बड़ा कार्यक्रम है जिसमें दुनिया के 100 से ज्यादा देशों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। मैं टेक्सटाइल मिनिस्ट्री, इस कार्यक्रम के आयोजकों, इसमें हिस्सा लेने आए उद्यमियों, कारीगरों को शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं।”

मुझे खुशी है कि पहली बार केंद्र और देश की अलग-अलग राज्य सरकारें, टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े लोग एकजुट हुए हैं और इस मेगा इंटरनेशनल इवेंट के जरिए पूरी दुनिया को भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री की संभावना दिखा रहे हैं।

मोदी ने कहा टेक्सटाइल एक ऐसा क्षेत्र है जो एग्रीकल्चर और इंटस्ट्री के बीच एक अद्भुत bridge की तरह काम करता है। कपास की खेती हो, सिल्क का उत्पादन हो, इनका end product बहुत कुछ टेक्सटाइल सेक्टर पर निर्भर करता है। किसानों की मेहनत से उपजे raw material को बाजार मुहैया कराने का काम टेक्सटाइल सेक्टर करता है। यानि एक तरह से टेक्सटाइल agro और industry दोनों का ही part है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस सरकार में टेक्सटाइल सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पिछले वर्ष एक टेक्सटाइल Package दिया गया है। जिसके तहत apparel और made-up sector को मजबूती दी जा रही है।

इसके अलावा सरकार ने Apparel सेक्टर में fixed term employment का भी रास्ता खोला है। यानि ये श्रमिक एक specific time period के लिए नियुक्त होंगे लेकिन इस दौरान उन्हें वही सुविधाएं मिलेंगी तो किसी परमानेंट कर्मचारी को मिलती हैं। इससे भी श्रमिकों की स्थिति में सुधार आएगा।