इलाहाबाद , 8 दिसम्बर | इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया।
उच्च न्यायालय की एक पीठ ने कहा कि तीन तलाक मानवाधिकारों का उल्लंघन है। न्यायालय ने यह भी कहा कि किसी भी समुदाय का पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं हो सकता।
पीठ ने कहा, “तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करता है।”
पीठ ने यह भी कहा, “कोई भी पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं है।”
न्यायालय का आशय ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से था, जो तीन तलाक के पक्ष में है।
पीठ ने कहा, “यहां तक कि पवित्र कुरान में इस कार्य को अच्छा नहीं माना गया है।”
तीन तलाक की व्याख्या एक ऐसी इस्लामिक प्रथा के रूप में की गई है, जिसके अनुसार, महिलाओं को तीन बार तलाक बोलकर तलाक दिया जा सकता है। अधिकांश मुस्लिम देशों में इसे मंजूरी प्राप्त नहीं है। –आईएएनएस
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