Global Tiger Day

बाघ संरक्षण के प्रयासो में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी

नई दिल्ली, 29 जुलाई (जनसमा)।   बाघों के जीवन पर गंभीर खतरे मंडरा रहें हैं और उन्हें ऐसे खतरों से बचाना जरूरी है। देश में बाघ संरक्षण के प्रयासो में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।  बाघ वाले वन, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को  विज्ञान भवन में वैश्विक बाघ दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में  इस बात पर बल दिया कि बाघ स्वस्थ पर्यावरण का प्रतीक है।

डॉ. हर्षवर्धन ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या को दुगुना करने का सेन्ट पीटर्सबर्ग घोषणा का लक्ष्य सीमित है। लेकिन इस सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रों को निरन्तर ध्यान देना होगा।

इस अवसर पर मंत्री  ने (टाईगर रिजर्व) बाघ रक्षित क्षेत्रों की सुरक्षा और लेखा परीक्षण के संचालन के लिए प्रोटोकॉल भी जारी किया।

बाघ संरक्षण मानदण्ड प्रमाणन सीए/टीएस पुरस्कार उत्तराखण्ड के लेन्सडाउन वन मंडल को प्रदान किया। इस डिविजन ने बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। सीए/टीएस डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा विकसित किया गया है। यह टाईगर रेंज देशों में बाघ संरक्षण के लिए कार्य करता है।

इस अवसर पर अभिनेता रणदीप हुड्डा ने कहा कि बाघ भारतीय विरासत का प्रतीक है। उन्होने लोगों से अनुरोध किया कि वह बाघ संरक्षण के लिए स्वयं को समर्पित करे और लोगों को जागरूकता का संदेश दे।