मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 350 से अधिक होने का अनुमान है। यह विश्वास व्यक्त किया है मध्यप्रदेश के वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने। वे विश्व बाघ दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मध्यप्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व एवं क्षेत्रीय वन मण्डलों से प्राप्त हो रहे कैमरा ट्रेप छायाचित्रों से वर्ष 2018 में इनकी संख्या 350 से अधिक होने का अनुमान है। वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश में 257, वर्ष 2014 में 308 बाघ थे।
मध्यप्रदेश ने 8 वर्षों में बाघों की संख्या में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए अंतर्राष्ट्रीय संकल्प को पूरा करने में भरपूर योगदान दे रहा है।
वर्ष 2014 में मध्यप्रदेश में 286 अलग-अलग बाघों के चित्र कैमरा ट्रेप में मिले थे, जो भारत के किसी भी प्रदेश से मिले बाघ चित्रों में सर्वाधिक थे।
बाघ की गिनती विश्व के सबसे सुंदर और शानदार जानवरों में होती है। खूबसूरत नारंगी-काली धारियों वाले इस प्राणी का अस्तित्व निरंतर शिकार, जलवायु परिवर्तन, आवास-स्थल की कटौती और अन्य कारणों से खतरे में आ गया। इसे बचाने के लिये रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में वर्ष 2010 में हुए टाइगर समिट में 29 जुलाई को ग्लोबल टाइगर डे मनाने का निर्णय लिया गया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि टाइगर डे का उद्देश्य बाघों का संरक्षण करते हुए इनकी आबादी को बढ़ाना है।
अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक टाइगर में 100 से अधिक धारियाँ होती हैं, लेकिन किन्हीं भी दो टाइगर की धारियों का डिजाइन एक-सा नहीं होता।
बाघ की 8 उप प्रजातियाँ हैं, जिनमें भारतीय या बंगाल टाइगर, इण्डो-चायनीज, सुमात्रां-अमूर या सायबेरियन, दक्षिण चीनी, केस्पियन (विलुप्त), जावा (विलुप्त) और बाली (विलुप्त) हैं।
बाघ रात में मनुष्य से 6 गुना बेहतर देख सकता है। वे न केवल देख कर, बल्कि सुन और सूंघकर भी शिकार कर सकते हैं।
बाघ के पंजे खाल के अंदर रहने के कारण हमेशा नुकीले बने रहते हैं। शिकार के वक्त ही बाघ अपने पंजे बाहर निकालते हैं।
बाघ, सिंह, तेंदुआ और चीता मात्र ये 4 जानवर हैं विश्व में, जो केवल दहाड़ सकते हैं, बोल नहीं सकते। वर्तमान में मात्र 3000 से भी कम बाघ बचे हैं।
बाघ एक बार में 22 से 32 किलो तक माँस खाते हैं। इसके बावजूद वे हफ्तों तक भूखे रह सकते हैं।
सफेद बाघ सफेद रोग का शिकार नहीं होता, बल्कि ऑरेंज रंग के जीन्स न होने के कारण वह सफेद होता है।
बाघ एक बार में 10 फीट ऊँचा कूद सकता है।
बाघों में सबसे बड़ी प्रजाति सुमात्रां बाघ और सबसे छोटी सायबेरियन बाघ की होती है।
बाघ भारत, बांग्लादेश, मलेशिया और साउथ कोरिया का राष्ट्रीय पशु है।
Follow @JansamacharNewsA Royal Bengal Tiger cools itself at Central Zoo on International Tiger day in Kathmandu, Nepal, July 29, 2017. (Xinhua/Sunil Sharma/IANS)