ताजा सर्वेक्षण के अनुसार 2018 में भारत में बाघों (Tigers) की संख्या बढ़कर 2967 हो गई।
विश्व बाघ दिवस (World Tiger day) के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 जुलाई,2019 को नई दिल्ली में अपने आवास पर बाघों (Tigers) के अखिल भारतीय अनुमान-2018 के चौथे चक्र के परिणाम जारी किए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि करीब 3000 बाघों (Tigers) के साथ, भारत आज सबसे बड़ा और सुरक्षित प्राकृतिक वास हो गया है।
प्रधानमंत्री ने इसे भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और बाघों (Tigers) के संरक्षण की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्य कर रहे विभिन्न हितधारकों की गति और समर्पण की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत की जनता जब एक बार कुछ करने की ठान लेती है, तो कोई भी ताकत उसे वांछित परिणाम हासिल करने से रोक नहीं सकती।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एक व्यापक आधार और समग्र दृष्टिकोण आवश्यक है।
उन्होंने कहा,’हमारी नीतियों, हमारी अर्थनीतियों में, हमें प्राकृतिक संरक्षण के बारे में अपनी संवादात्मक भूमिका को बदलना होगा।’\
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत अपने नागरिकों के लिए कुछ और मकानों का निर्माण करेगा और साथ ही जीव-जंतुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण प्राकृतिक वास भी बनाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के लिए कार्य की गति तेज हुई है, देश में वन क्षेत्र भी बढ़ा है ‘संरक्षित क्षेत्रों’ में भी बढ़ोतरी हुई है।
वर्ष 2014 में 692 संरक्षित क्षेत्र थे, जिनकी संख्या 2019 में बढ़कर 860 से अधिक हो गई है। ‘सामुदायिक शरणस्थलों’ की संख्या भी बढ़कर 100 हो गई है, जो 2014 में केवल 43 थी।
प्रधानमंत्री ने बाघों (Tigers) के संरक्षण की दिशा में अधिक प्रयास करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु संरक्षण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु संरक्षण राज्य मंत्री बाबूल सुप्रियो; और मंत्रालय में सचिव सी.के. मिश्रा मौजूद थे।
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