पटना, 2 सितंबर | केंद्र सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को प्रमुख केंद्रीय श्रम संगठनों की देशव्यापी हड़ताल का असर बिहार में भी देखा जा रहा है।
राज्य की राजधानी पटना सहित विभिन्न इलाकों में बैंकिंग और परिवहन क्षेत्र से जुड़े तमाम संगठनों के हड़ताल पर जाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हड़ताल में शामिल श्रमिक संगठनों से जुड़े लोग सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। इस क्रम में बंद समर्थकों ने कई जगहों पर रेल पटरियों को जाम कर दिया।
पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में भी बंद समर्थक सुबह ही सड़कों पर उतर आए और जुलूस निकाल सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। ऑटो और नगर बस सेवा बंद होने की वजह से शहरी परिवहन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बांका और मधुबनी में बंद समर्थकों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया, जिससे ट्रेनों के आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया। पटना के मसौढ़ी रेलवे स्टेशन पर वामपंथी दलों ने पलामू एक्सप्रेस को एक घंटे तक रोके रखा।
इसके बाद पुलिस प्रशासन ने बंद समर्थकों को वहां से हटाया। दरभंगा रेलवे स्टेशन पर भी कर्मचारियों ने ट्रेनों का आवागमन अवरुद्घ किया और नारेबाजी की।
बिहार बैंक कर्मचारी यूनियन के संजय तिवारी ने बताया कि हड़ताल के कारण राज्य के 6,692 बैंकों में काम ठप पड़ा हुआ है। बैंक के सामने कर्मचारियों ने धरने पर बैठकर केंद्र सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ नारे लगाए।
इधर, जहानाबाद, पूर्णिया, भागलपुर सहित विभिन्न जिला मुख्यालयों में हड़ताल के समर्थन में कर्मचारियों ने जुलूस निकाला। ऑटो रिक्शा चालक संघों, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन, आशा व आंगनवाड़ी संघ तथा संविदा पर काम कर रहे संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
ऑटो और बस सेवा बंद होने के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई बच्चे हड़ताल के कारण स्कूल नहीं जा सके।
बंद को देखते हुए पटना में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। –आईएएनएस
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