जयपुर, 31 मई। राजस्थान में वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त आलोक गुप्ता ने बताया कि बीस लाख रू से कम कारोबार वाले व्यापारियों को जीएसटी में पंजीयन की आवश्यकता नहीं है। यह जानकारी देते हुए आयुक्त आलोक गुप्ता और वित सचिव (राजस्व) प्रवीण गुप्ता ने बुधवार को सुबह 9.30 से 10.30 बजे तक आकाशवाणी जयपुर के फोन इन कार्यक्रम में श्रोताओं की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से सम्बंधित शंकाओं का समाधान किया।
वित्त सचिव गुप्ता ने बताया कि जीएसटी के लागू होने के बाद एक राष्ट्र-एक कर की व्यवस्था लागू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके के लागू होने से जहां कर व्यवस्था में सरलता आएगी, विभिन्न तरह के करों के झंझटों से मुक्ति मिलेगी और कर संग्रहण भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि कर संग्रहण के बढ़ने से देश में होने वाले विकास कार्यों में मदद मिलेगी।
वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त आलोक गुप्ता ने श्रोताओं द्वारा फोन पर पूछे गए प्रश्नों के जवाब में कहा कि विभाग द्वारा जीएसटी माइग्रेशन 1 जून, 2017 से शुरू किया जा रहा है, जो कि 15 जून, 2017 तक चलेगा। उन्होंने कहा कि जिन व्यवहारियों ने अभी तक जीएसटी में माइग्रेशन नहीं किया है, वे इस अवधि में माइग्रेशन कर सकते हैं।
गुप्ता ने बताया कि जिन व्यापारियों का वार्षिक कारोबार 20 लाख रूपये से कम है उन्हें, जीएसटी में पंजीयन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जिनका वार्षिक कारोबार इस सीमा से ज्यादा है, उन्हें पंजीयन कराना होगा। उन्होंने बताया कि जीएसटी पोर्टल पर 10 हजार रूपये से अधिक सीमा का टेक्स ऑनलाइन जमा होगा।
आयुक्त गुप्ता ने एक श्रोता के दुकानदार या व्यापारी द्वारा खरीदे गए सामान का बिल नहीं दिए जाने के सवाल पर कहा कि वाणिज्य कर विभाग में इसकी शिकायत करें, ताकि ऎसे व्यापारियों के खिलाफ कार्यवाही की जा सके।
उन्होंने कहा कि जीएसटी की जानकारी देने के लिए टोल फ्री नम्बर शुरू किया गया है। इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं।
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