झारखण्ड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि आदिवासियों (Tribals) की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
राँची में 23 फरवरी, 2020 को मुख्यमंत्री आवास में आज मुलाकात करने आए मानकी मुंडा संघ, कोल्हान पोड़ाहाट केंद्रीय समिति के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस दिशा में सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इस मौके पर संघ की ओर से मांग पत्र सौंपा गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से कोल्हान में कोल्हान स्वशासन परिषद का गठन और मंत्रिमंडल में ‘हो‘ जनजातीय (Ho) समुदाय के विधायक को शामिल करने की मांग रखी।
जनजातीय भाषाओं के लिए स्वतंत्र एकेडमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय (Tribal) भाषाओं के लिए स्वतंत्र एकेडमी बनाने पर सरकार विचार कर रही है ताकि इन भाषाओं के विकास की राह प्रशस्त हो सके।
उन्होंने कहा कि जनजाति (Tribal) समुदाय की कला, संस्कृति परंपरा और भाषाओं को संरक्षित करने के प्रति सरकार कृत्संकल्प है।
‘हो‘ भाषा
मानकी मुंडा संघ द्वारा ‘हो’ भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे संबंधित प्रस्ताव को विधानसभा में पेश किया जाएगा और स्वीकृति मिलने के बाद केंद्र सरकार को जाएगी।
जनजातीय (Tribal) परामर्श दात्री परिषद
मानकी मुंडा संघ द्वारा जनजातीय परामर्शदात्री परिषद का अध्यक्ष आदिवासी (Tribal) को बनाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परिषद का अब तक नियमावली नहीं बन पाया है। इस दिशा में सरकार जल्द ही आवश्यक पहल करेगी।
इस मौके पर संघ ने जनजातीय परामर्श दात्री परिषद (Tribal advisory council) की सहमति के बाद ही कोई भी राज्यादेश जारी करने की मांग रखी।
बंदोबस्ती का अधिकार
मुख्यमंत्री ने मानकी मुंडा संघ को आश्वासन दिया कि कोल्हान पोड़ाहाट क्षेत्र में मानकी और मुंडा के बंदोबस्ती का अधिकार यथावत रहेगा। इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मालगुजारी वसूली, परती भूमि बंदोबस्ती और विकास का पारंपरिक अधिकार मानकी मुंडा के पास से पहले जैसा ही रहेगा।
ईचा खरकई बांध
मानकी मुंडा संघ द्वारा ईचा खरकई बांध का निर्माण कार्य रोकने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बांध की वजह से किसी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी ख्याल अनिवार्य रूप से रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में मानकी मुंडा संघ के अध्यक्ष गणेश पाट पिंगुआ, रैमुल बानरा, कैलाश बिरुआ सोमनाथ पाडया डेमका सोया, प्रताप सिंह कलूंडिया मनोहर लाल गोड्सोरा धनुंजय देवगम मुंडा , दूधनाथ तियू , रामेश्वर सिंह कुंतिया , सिंहभूमआदिवासी समुदाय के अध्यक्ष दामोदर सिंकु, डॉक्टर दमयंती सिंकू ,सुषमा विरुली , राजेंद्र नाथ पूर्ति रोशन पाट पिंगुआ , डॉक्टर नरेंद्र कुदाद ( रजिस्ट्रार, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय) , दीपा मिंज और प्रकाश लागुरी मौजूद थे।
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