नई दिल्ली, 17 अप्रैल (जनसमा)। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने आज पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से पंचायतों की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की क्षमता सृजन के लिए व्यापक मॉड्यूल और पूरे देश में महिला पंचायत नेताओं के प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लांच किया।
महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज नई दिल्ली में ग्रामीण विकास तथा पंचायती राजमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की उपस्थिति में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रांची में प्रशिक्षण कार्यक्रम लांच किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमता और शासन संचालन और कौशल बढ़ाना है ताकि गांवों का प्रशासन बेहतर तरीके से चले।
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने झारखंड की चुनिंदा महिला प्रशिक्षकों / महिला सरपंचों को वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये कहा कि पंचायत संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के बावजूद निर्वाचित महिला प्रतिनिधि काम में कारगर नहीं है क्योंकि उन्हें प्रशासन का ज्ञान और कौशल नहीं है और उनकी ओर से उनके पति कार्य करते हैं।
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधि दिए गए कार्यों को जिम्मेदारी से पूरा करेंगी।
महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, लड़कियों की शिक्षा, महिला स्वास्थ्य, मनरेगा के अंतर्गत परिसंपत्ति सृजन और लाखों आगंनवाड़ियों के माध्यम से टीकाकरण तथा पौष्टिकता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण विषय हो गया है और इसमें महिला सरपंचों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
इस अवसर पर पंचायती राज, ग्रामीण विकास तथा पेय जल और स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत पंचायतों को पांच वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। पहले गांव के समग्र विकास के लिए तीस हजार करोड़ रुपये की राशि दी गई थी।
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