नई दिल्ली, 18 सितंबर । राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने देश के हवाई अड्डों पर रासायनिक, जैविक रेडियोधर्मी तथा परमाणु सामग्री (सीबीआरएन) से होने वाले खतरों से बचने के लिए बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह प्रशिक्षण हवाई अड्डाें पर आपात स्थिति से निपटने वाले आपातकालीन कर्मियों को दिया जारहा है।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) तथा परमाणु औषधि और संबंद्ध विज्ञान संस्थान (आईएमएएस) के सहयोग से चलाया जा रहा है।
देश के हवाई अड्डों के लिए बनाए गए कार्यक्रमों की श्रृंखला में यह पहला कार्यक्रम है।
File photo : An aerial view of submerged Chennai airport taken by an Indian Air Force helicopter, following heavy rains in the region on Dec 2, 2015.
एनडीएमए के सदस्य आर के जैन ने सीबीआरएन आपात स्थिति से निपटने में विशेषज्ञता संपन्न कुशलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे हवाई अड्डों पर सीबीआरएन सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में यह प्रशिक्षण महत्वपूर्ण कदम है।
चेन्नई में कामराज हवाई अड्डे पर सोमवार से शुरू हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षा अनुसंधान और विकास के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. एस क्रिसटोफर ने किया।
इस कार्यक्रम में फील्ड प्रशिक्षण के साथ-साथ व्याख्यान शामिल है। इसमें सीबीआरएन का पता लगाने और उसे नियंत्रित करने के बारे में जानकारी दी जाती है।
सीबीआरएन आपात स्थिति से निपटने के लिए हवाई अड्डों के आपातकालीन कर्मियों को उपकरणों से लैस करने के अतिरिक्त यह कार्यक्रम उन्हें प्रथम चिकित्सा सहायता और प्रारंभिक मनोवैज्ञानिक-सामाजिक समर्थन के बारे में भी सक्षम बनाएगा।
एक सप्ताह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 200 कर्मियों को सीबीआरएन आपात स्थिति के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।
एनडीएमए के सदस्य डॉ. डी एन शर्मा ने कहा कि सीबीआरएन से संबंधित छोटी सी घटना भी हवाई अड्डे पर लोगों में अफरा-तफरी मचा सकती है। इसलिए यह आवश्यक है कि हवाई अड्डों पर अत्यधिक प्रशिक्षित और बेहतर संसाधनों से लैस अनुक्रिया बल के पहुंचने तक हवाई अड्डों पर आपात स्थिति से निपटने वाले लोगों को समुचित तरीके से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
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