Pulses

देश दलहन की खेती में आत्मनिर्भर, 22 मिलियन टन दलहन का उत्पादन किया

देश दलहन ( pulses ) की खेती में आत्मनिर्भर बन गया है। फसल वर्ष 2018-19 में भारत ने 22 मिलियन टन दलहन का उत्पादन किया और अगले वर्ष के लिए 26.30 मिलियन टन का लक्ष्य रखा गया है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ा दिया है।

वन नेशन वन मार्केट के दृष्टिकोण से ई-नाम को मजबूत किया गया है, जिसने किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए बेहतर और व्यापक बाजार क्षेत्र तक पहुंच प्रदान की है।

पहले से ही 585 मंडियां ई-नाम पोर्टल से जुड़ चुकी हैं और जल्द ही अन्य 400 मंडियों को जोड़ा जाएगा।

विश्व दलहन दिवस (World Pulses Day)  कार्यक्रम के आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए नेफेड को बधाई देते हुए, तोमर ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में 63 लाख टन दलहन (Pulses ) की खरीद की है, जिससे लाखों किसान लाभान्वित हुए हैं।

नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पीएम आशा के तहत दलहन (Pulses ) और तिलहन, कोपरा और कपास की खरीद के लिए भारत सरकार की केंद्रीय नोडल एजेंसी है।

फ्रांस में 1963 में स्थापित ग्लोबल पल्स कन्फेडरेशन (जीपीसी) का मुख्यालय 2009 से दुबई में है।

यह दालों के उत्पादन, उपभोग, जागरूकता और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो दाल का उत्पादन, उपभोग बढ़ाने, आपूर्ति संबंधी हर घटक जैसे उत्पादकों, व्यापारियों, सरकारी निकायों, व्यापार संवर्धन संस्थाओं, प्रोसेसर और उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है।

यह 50 से अधिक देशों में दालों के व्यापार में लगे 26 राष्ट्रीय संघों और हजारों कॉरपोरेट्स का परिसंघ है।