शिमला, 26 नवंबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शनिवार को यहां ऐतिहासिक रिज मैदान पर तीन दिवसीय राज्य स्तरीय ‘आरोग्य मेले’ का शुभारम्भ किया। इस मेले का आयोजन भारत सरकार के आयुष मंत्रालय, हिमाचल प्रदेश आयुर्वेद विभाग तथा भारतीय उद्योग परिसंघ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद दवाइयों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश के जोगिन्द्रनगर तथा सिरमौर के माजरा में स्थित आयुर्वेदा फार्मेसियों को इस दिशा में और बेहतर ढंग से कार्य करना होगा। प्रायः यह देखने में आ रहा है कि विश्व में लोगों का रूझान पुरातन भारतीय चिकित्सा पद्धति, विशेषकर आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा की ओर बढ़ रहा है, जिस पर हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की औषधीय जड़ी-बुटियां प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं तथा आयुर्वेद विभाग को चाहिए कि इनका वैज्ञानिक रूप से पूर्णतः दोहन किया जाए। अनुसंधान के क्षेत्र में और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है ताकि दवाइयों की गुणवत्ता को और बेहतर किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आयुर्वेद चिकित्सा पद्धत्ति को और सशक्त बनाने की दिशा में अनेक कदम उठा रही है तथा हमारा प्रयास है कि आयुर्वेद एवं ऐलोपैथी के साथ-साथ पुरातन युनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को भी प्रोत्साहन दिया जाए।
उन्होंने कहा कि दूर-दराज में रह रहे लोगों को उनके घरों के समीप चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हां, इसके लिए सरकार द्वारा प्रदेश में तीन नए मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं, जिनमें से डा. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कालेज नाहन ने कार्य करना आरम्भ कर दिया है। इसके अतिरिक्त मण्डी जिला के नेरचौक में भी ईएसआईसी मेडिकल कालेज शीघ्र कार्य करना आरम्भ कर देगा।
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