देहरादूनन, 16 मई (जनसमा)। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधीन राष्ट्रीय राजमार्ग मुजफ्फर नगर-हरिद्वार और हरिद्वार-देहरादून की प्रगति की समीक्षा एवं कठिनाईयों के निराकरण के सम्बंध में बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने एनएच के अधूरे कार्यों और गड्ढों आदि से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर बेहद नाराजगी व्यक्त करते हुए पूछा कि एनएच के अधिकारी क्या कर रहे हैं? निर्माणाधीन सड़क पर सुरक्षा मानकों के लिहाज से क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
मुख्यमंत्री ने नेशनल हाईवे के निर्माणाधीन भागों हेतु पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को प्रति सप्ताह निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने हरिद्वार और देहरादून दोनों जिलों के डीएम और एसएसपी को सीधे नजर रखनें के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यदायी संस्था की लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं की जवाबदेही तय की जायेगी।
हरिद्वार-दून राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण में देरी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश हित में किसी भी बड़ी परियोजना को विलंबित नहीं होने दिया जाएगा। सीएम ऑफिस खुद भी नजर रखेगा। मुख्य सचिव अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि जून से माह के हर चौथे बुधवार वो स्वयं राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्याें की समीक्षा करेंगे। जिन स्थानों पर कोई विवाद नहीं है वो काम दिसम्बर तक हर हाल में पूरा किया जाए।
एनएचएआई द्वारा बताया गया कि खनन एवं प्रदूषण विभाग द्वारा लाल तप्पड स्थित क्रशर को सीज किए जाने के कारण परियोजना निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण सामग्री की सुविधा नियमानुसार सरकार दिलाएगी लेकिन कोई भी अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्रशर की देहरादून में अनुमति नहीं है तो एनएचएआई को चाहिए कि वह हरिद्वार के वैध स्रोतों से सामग्री खरीदें।
उन्होंने खनन विभाग को निर्देश दिये कि वे एनएचएआई के साथ समन्वय कर जीएमवीएन या वन विकास निगम से निर्माण सामग्री दिलवायें। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि सड़क तो चाहिए लेकिन अवैध खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने एनएचएआई को हरिद्वार और देहरादून में मिट्टी खुदाई की अनुमति के विषय पर कहा कि डीएम देहरादून और डीएम हरिद्वार पर्यावरण अनुमति को ध्यान में रखकर कार्यवाही करें। मिट्टी ढुलाई के लिए नियमानुसार रवन्ना दिया जाय। माल ढुलाई के लिए चैबीस घंटे वाहन अनुमति हेतु पुलिस विभाग स्थानीय परिस्थितियों को देखकर निर्णय लें।
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