नई दिल्ली, 19 जून। जीएसटी लागू होजाने बाद सितम्बर से नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। इससे पहले 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने बाद कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने के नियमों में पहले दो महीने की छूट दे दीगई है।
जीएसटी परिषद ने राज्यों की लॉटरी पर 12 प्रतिशत और सरकार द्वारा अधिकृत निजी लॉटरी पर 28 प्रतिशत की कर दर निर्धारित की है। ई-वे बिल तैयार करने में जीएसटी नेटवर्क को चार से पांच महीने लगेंगे। परिषद में छह नियमों को भी मंजूरी दी जिसमें मुनाफाखोरी विरोधी नियम भी शामिल हैं।
केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने परिषद की बैठक के बाद रविवार को कहा कि तैयारी के दौरान हुई किसी भी प्रकार की कमी को दूर करने के लिए दो महीने की मोहलत दी गई है।
आमतौर पर जुलाई का रिटर्न 10 अगस्त तक भरना होता है और अभी भी रिटर्न भरने के लिए 42 दिन शेष हैं।
परिषद ने संशोधित रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा तय की है उसके अनुसार जुलाई का बिक्री रिटर्न दस अगस्त की बजाय पांच सितम्बर तक दाखिल किया जा सकेगा।
कम्पनियां अगस्त महीने की बिक्री इनवाइस 10 सितम्बर की बजाय 20 सितम्बर तक जमा कर सकेगी।
आकाशवाणी के अनुसार उद्योग जगत कर क्रियान्वयन को टालने की मांग कर रहा था।
जेटली ने कहा कि साढे सात हजार रूपये प्रति दिन से ज्यादा किराये वाले वातानुकूलित होटलों के कमरों पर 28 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। ढाई हजार से साढे सात हजार रूपये तक के किराये वाले कमरों पर कर की दर 18 फीसद होगी।
होटलों के लिए 28 प्रतिशत कर साढ़े सात हजार के बाद शुरू होता है यानी कि ढ़ाई हजार से साढ़े सात हजार तक कर 18 प्रतिशत होगा। इसी प्रकार इन होटलों के रेस्तरांओं में जीएसटी कर की दर बाकी दूसरे वातानुकूलित रेस्तरांओं की तरह 18 प्रतिशत ही रहेगी।
जेटली ने कहा कि जीएसटी 30 जून और पहली जुलाई की आधी रात से लगा दी जाएगी। तीस जून को जीएसटी शुरू करने के मौके पर परिषद की एक बार फिर बैठक होगी।
जीएसटी के लिए 6.5 मिलियन से अधिक व्यवसाय पहले ही साइन अप हुए हैं, जो कुल संख्या का 81.1 प्रतिशत है। देश के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में सबसे बड़े सुधार के रूप में जीएसटी माल और सेवाओं की आपूर्ति पर एक ही कर लागू करेगा, जो कि निर्माता से उपभोक्ता तक है। चौबीस राज्यों ने राज्य जीएसटी कानून पारित कर दिया है
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