लखनऊ, 28 जुलाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पेयजल की समस्या के त्वरित निराकरण के लिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 47,900 नए इंडिया मार्क-2 हैंडपंप स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने पहले से स्थापित इंडिया मार्क-2 हैंडपंपों को चालू हालत में लाने के लिए 47,900 हैंडपंपों की री-बोरिंग के आदेश भी दिए हैं। ये सभी 95 हजार 800 नए एवं रीबोर हैंडपंप विधान सभा एवं विधान परिषद के सदस्यों की संस्तुति पर उनके ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे।
इसके लिए प्रत्येक सदस्य को 100 नए इंडिया मार्क-2 हैंडपंप स्थापित करने के लिए संस्तुति करने का अधिकार दिया गया है, जबकि इतने ही हैंडपंपों के रीबोरिग के लिए भी प्रत्येक सदस्य संस्तुति कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की इस पहल से विधान सभा एवं विधान परिषद के सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्रों की पेयजल समस्याओं के निराकरण में मदद मिलेगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुपालन के क्रम में शासन ने 458.8632 करोड़ रुपये की धनराशि ग्राम्य विकास आयुक्त को उपलब्ध करा दी है।
उन्होंने बताया कि हैंडपंपों की स्थापना एवं रीबोरिंग राज्य ग्रामीण पेयजल योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों एवं शासनादेशों में दी गई व्यवस्था के अनुरूप की जाएगी। स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष हैंडपंपों के अधिष्ठापन के लिए निर्धारित 90:10 के अनुपात के अनुसार कार्यदाई संस्थाओं-उत्तर प्रदेश जल निगम एवं उप्र एग्रो इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन को धनराशि अवमुक्त की जाएगी।
हैंडपंपों के अधिष्ठापन एवं रीबोरिंग के लिए नियमानुसार एक प्रतिशत लेबर सेस की धनराशि का भुगतान श्रम विभाग को करने के लिए कहा गया है। ग्राम्य विकास विभाग को यह भी हिदायत दी गई है कि स्वीकृत धनराशि आहरित कर बैंक एवं डाकघर में कतई नहीं रखी जाएगी। कार्य में प्रयोग की जाने वाली सामग्री व उपकरणों की खरीद स्टोर परचेज नियमों तथा आदेशों के अंतर्गत की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कार्य को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। कार्य की गुणवत्ता पर निगाह रखने के लिए अधिकृत थर्ड पार्टी निरीक्षणकर्ता को भी पूरा सहयोग प्रदान करने के लिए कहा गया है। हैंडपंपों के अधिष्ठापन के बाद इनके रख-रखाव के लिए इन्हें सम्बंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। –आईएएनएस
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