वॉशिंग्टन, 16 अक्टूबर | वैज्ञानिकों का मानना है कि तारों से निकलने वाला पराबैंगनी प्रकाश जीवन के लिए जरूरी मौलिक पदार्थो के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जबकि पहले माना जाता था कि ये दहशत और अशांति की घटक हैं।
नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री द्वारा जारी एक वक्तव्य में पासाडेना स्थित कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-कालटेक के अनुसंधानकर्ता और शोध के मुख्य लेखक पैट्रिक मोरिस का कहना है कि सूर्य के कारण ही हमारा जीवन पृथ्वी पर चलायमान है। अब हमें पता है कि तारों का प्रकाश रसायनों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमारी जरूरत के रसायनों को प्रदान करता है, जिसके द्वारा हम जीवन जीते हैं।
Photo : Exposure to ultraviolet radiation in Antarctica is commonly highest in spring.(Image courtesy of NOAA)
जीवन असंख्य आश्चर्यजनक रूपों पर आधारित है। फिर भी आप इसके एक रूप को दूसरे से अलग नहीं कर सकते, क्योंकि यह अलग-अलग होते हुए भी एक हैं। कार्बन के अणु हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और अन्य तत्वों से जुड़े हुए हैं। इस तरह से ये अलग होकर भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
लेकिन इन मौलिक पदार्थो की अंतरिक्ष में लंबे समय से उपस्थिति का रहस्य क्या है?
बुनियादी हाइड्रोकार्बन के उद्भव से संबंधित एक प्रमुख सिद्धांत यह है कि इनका उद्भव एक ‘दहशत’ के रूप में हुआ। सुपरनोवा विस्फोट या युवा तारों द्वारा पदार्थो को बाहर निकालने की एक विक्षोम पैदा हुआ जिससे इनका उद्भव हुआ।
इस शोध में वैज्ञानिकों ने ऑरियन नेबुला में कार्बन केमिस्ट्री के संघटक का अध्ययन किया। ऑरियन नेबुला धरती के सबसे नजदीका तारा निर्माण क्षेत्र है, जहां विशाल तारे पैदा होते रहते हैं।
इसमें वैज्ञानिकों ने मात्रा, तापमान और कार्बन-हाइड्रोजन अणु (सीएच), कार्बन-हाइड्रोजन धनात्मक आयन (सीएच प्लस) और उसके जन्मदाता ऋणात्मक -कार्बन आयन (सी प्लस) की गति को मापा। एक आयन एक परमाणु या प्रोटॉन और इलेक्ट्रान के असंतुलन के साथ एक अणु के कारण ही तारों से विभिन्न पदार्थ बाहर निकलते हैं।
यूरोपियन स्पेस एजेंसी के हरशेल स्पेस ऑबजरवेटरी के आंकड़ों के साथ आण्विक संरचनाओं के नमूनों को मिलाने पर वैज्ञानिकों ने पाया कि पराबैंगनी प्रकाश के कारण ही ऑरियन नेबुला में हाइड्रोकार्बन अपना आकार ग्रहण करते हैं।–आईएएनएस
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