श्रीनगर, 5 सितम्बर | मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को सरकार से अनुरोध किया कि कश्मीर में शांति के लिए वह अलगाववादियों सहित सभी हितधारकों से बिना शर्त वार्ता शुरू करे। वर्षो बाद करीब दो महीनों से कश्मीर हिंसक उपद्रवों से जूझ रहा है। येचुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “राज्य और केंद्र सरकार को अब राजनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाना है। राजनीतिक वार्ता के बिना कोई हल नहीं निकलेगा। बिना शर्त सभी हितधारकों के साथ आपको राजनीतिक वार्ता शुरू करनी है।”
सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ नेता अलगाववादी नेताओं से मिलने गए थे, लेकिन उन्हें कोई तवज्जो नहीं मिला था। इसके एक दिन बाद येचुरी ने यह बात कही।
निजी तौर पर मिलने गए सांसदों से अलगाववादियों ने बातचीत करने से इनकार कर दिया था। ये लोग दिल्ली से गए प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप उनसे मिलने नहीं गए थे।
हुर्रियत नेताओं से मिलने की कोशिश करने वालों में येचुरी भी थे। उन्होंने कहा कि यह कोई अपमान नहीं है।
येचुरी ने कहा, “वे हमलोगों से मिले। केवल एक सैयद अली शाह गिलानी नहीं मिले। उन लोगों ने कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने से इनकार कर दिया।”
कश्मीर दौरे के पहले दिन दिल्ली से गई टीम ने करीब 200 लोगों के 30 प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की, जिनमें प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियां भी शामिल थीं।
गत आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों के बीच कई सप्ताहों से कश्मीर घाटी में तनाव व्याप्त है। इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में कम से कम 74 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1200 लोग घायल हुए हैं।
साल 2010 के बाद घाटी में पहली बार इस तरह का हिंसक उपद्रव हो रहा है। उस समय पुलिस और सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 120 लोग मारे गए थे। –आईएएनएस
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