यूनेस्को ने भिण्ड जिले के 16वीं शताब्दी में निर्मित गोहद किले के अनुरक्षण कार्य को ‘यूनेस्को एशिया पेसिफिक हेरिटेज अवार्ड 2017’ देने की घोषणा की है। विभिन्न देशों से 43 प्रोजेक्ट्स अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण विशेषज्ञों की समिति को प्राप्त हुए थे। इनमें से भारत के 7 प्रोजेक्ट अवार्ड के लिए चयनित किये गये। इन प्रोजेक्ट्स में मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के गोहद किले के अनुरक्षण कार्य का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। यूनेस्को द्वारा पिछले साल भी उज्जैन जिले के महिदपुर किले के अनुरक्षण कार्य को ‘अवार्ड आफ मेरिट’ दिया गया था।
गोहद के किले में संस्कृति विभाग एवं वर्ल्ड मान्यूमेंट फण्ड के बीच हुए करारनामा में 64 लाख रूपये के अनुरक्षण कार्य करवाये गये। इस कार्य में कन्सल्टेंट सुश्री विजया अमुजूरे (नई दिल्ली), उप संचालक पुरातत्व सुश्री गीता सबरबाल एवं प्रभारी उप संचालक तकनीकी के.के. बरई का विशेष योगदान रहा है। राजन ने इस उपलब्धि पर पुरातत्व टीम को बधाई दी है।
गोहद के किले की बनावट दुर्ग निर्माण कला का अद्वितीय नमूना है। किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था। इस पर जाट राजाओं का शासन कई वर्ष तक रहा और यह उनके राज्य की राजधानी भी रहा था। किले के दरवाजे हाथी पौर, सांकल दरवाजा तथा हमार के दरवाजे का अनुरक्षण कार्य अत्यन्त जटिल था। इस कार्य में विशेष सावधानी के साथ सतत मानीटरिंग की गई। भिण्ड जिले के 24 संरक्षित स्मारक में से केवल गोहद में इस किले सहित 10 संरक्षित स्मारक घोषित है। यह सभी 8 वीं शती से लेकर 18 वीं शती के हैं।
पुरातत्व आयुक्त राजन ने बताया कि प्रदेश में 497 संरक्षित स्मारक घोषित हैं। संरक्षित स्मारकों के अनुरक्षण,संवर्धन और विकास कार्य को स्मारकों की वास्तुकला तथा वहाँ की विशेषताओं को दृष्टिगत रखकर सावधानी से करवाया जाता है।
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