खरगौन, 2 अप्रैल (जस)| केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने शनिवार को मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में रेघवन गांव में शौचालयों के गर्त खाली करने का एक अभियान शुरू किया।
मंत्री और कुमार ने राज्य और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया और गांव के एक घर में जाकर शौचालय के भरे हुए गर्त को खाली किया। उन्होंने अपने हाथों से यह दिखाया कि शौचालय से कैसे कम्पोस्ट बनता है। उन्होंने ग्राम निवासियों को समझाया कि दो गर्त शौचालय मॉडल का यह प्रयोग पूरी तरह सुरक्षित है और इसके साथ कोई कलंक नहीं जुड़ा हुआ है।
फरवरी, 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के अंतर्गत तेलंगाना के वारंगल जिले में इसी तरह की कवायद की सराहना की थी। उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बद्ध विख्यात व्यक्तियों का आह्वान किया था कि वे ‘वेस्ट टू वेल्थ’ यानी ‘कचरे से सम्पदा’ शौचालय प्रौद्योगिकी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए आगे आएं।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत द्विगर्त शौचालय प्रौद्योगिकी को सर्वाधिक वरीयता दी जा रही है, जो सुरक्षित और कम लागत वाली प्रौद्योगिकी है। इसे सभी ग्रामीण परिवारों में बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि द्विगर्त शौचालय प्रणाली में एक मानक गड्ढा पांच से छह वर्ष में भर जाता है और मल को परिवार के सदस्यों द्वारा सरलता से दूसरे गर्त में मोड़ा जा सकता है। अगले छह महीने से एक वर्ष के भीतर पहले गर्त में एकत्र कचरे का कम्पोस्ट तैयार हो जाता है, जिसमें एनपीके यानी नाइट्रोजन, फासफोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये खेती के लिए उपयोगी खाद के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यह कवायद कचरे को धन में बदलने का बेहतरीन उदाहरण है।
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