Kiradu

राजस्थान में बाड़मेर के पास हैं किराडू के अद्वितीय मंदिर

Kiradu

मंदिर के बाहरी भाग में संगमरमर के पत्थरों पर उकेरी गई वाद्यवादन करती कलात्मक मूर्तियाँ

राजस्थान में बाड़मेर (Barmer) के पास हैं किराडू (Kiradu Temple) के बारहवीं शताब्दी में निर्मित संगमरमर के पत्थरों पर उकेरे गए शिल्पकला (sculptural art) के अद्वितीय मंदिर (unique temples) ।

कभी राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके की सैर पर जाएँ तो शिल्पकला के अद्वितीय मंदिरों के अवशेष  देखकर उनको बनाने वालों की प्रशंसा किये बिना नहीं रहेंगे।

चिलचिलाती धूप और रेतीली झुलसा देने वाली हवाओं के बीच किराडू (Kiradu Temple) के ये मंदिर आज भी सुकून का अहसास देते हैं।

सन् 1161 के शिलालेखों से पता चलता है कि  राजस्थान में बाड़मेर के पास किराडू (Kiradu) ग्यारहवीं-बारहवीं शती में एक समृद्ध नगरी थी।

संगमरमर से बने  वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण किराड़ू (Kiradu) के ये कलात्मक मंदिर  बाड़मेर से 35 किमी दूर मुनाबाब मार्ग पर हाथमा गाँव के पास एक पहाड़ी के नीचे स्थित हैं।

यहाँ पर पाँच मंदिरों के अवशेष हैं। इनमें एक भगवान विष्णु का एवं चार शिव मंदिर हैं।

यहां के शिलालेखों में इसका प्राचीन नाम किराटकूप मिलता है। यद्यपि अन्य ग्रंथों में इसका विवरण अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया है तथापि यहां के सोमेश्वर मंदिर के शिलालेखों से ज्ञात होता है कि बारहवीं शताब्दी के मध्य अर्थात् सन् 1161 में सिंधु राज परमार वंशज सोमेश्वर यहां का शासक था।

इसके बाद सन् 1178 में चौहान वंश के महाराज  मदन ब्रह्म देव का यहां के शासक होने का उल्लेख मिलता है।

यहां के परमार एवं चौहान शासक गुजरात के सोलंकी राजाओं के अधीन थे। ऐसा माना जाता है कि यह नगरी बारहवीं शताब्दी के बाद मुसलमान आक्रांताओं द्वारा नष्ट कर दी गई।

यह भी उल्लेख है कि तरुषका ने इस स्थान का विध्वंस किया और बाद में यहां मंदिर की पुनः प्रतिष्ठा की गई।

देश की पश्चिमी सीमा पर स्थित किराटकूप भारत के भीतरी बंदरगाहों तक पहुंचने का सीधा मार्ग था। इसलिए विदेशी आक्रमणकारियों से सुरक्षित नहीं रह सका।

इतिहास में इस बात के प्रमाण हैं कि ग्यारहवीं शताब्दी में यहां पर हिंदू राजाओं ने अनेकों भव्य मंदिरों का निर्माण किया। दुर्भाग्य की बात है कि आज भी पुरातात्तविक महत्व का यह स्थल उपेक्षा का शिकार है।

बाड़मेर नियमित बसों के माध्यम से देश के अन्य प्रमुख शहरों से  जुड़ा हुआ है।
हवाईजहाज से निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर में बाड़मेर से लगभग 220 किमी दूर है। …
बाड़मेर रेलवे स्टेशन जोधपुर से जुड़ा हुआ है, जो भारत के अन्य प्रमुख शहरों के संपर्क मार्ग पर है।