दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के हजारों कर्मियों ने मंगलवार, 5 नवंबर,2019 को राष्ट्रीय राजधानी में अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन ( unprecedented protests )किया।
पार्किंग विवाद को लेकर शनिवार को तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिसकर्मियों ने यह प्रदर्शन (protests) अपने वरिष्ठ अधिकारियों के विरोध में किया।
रिटायर्ड पुलिसकर्मियों, उनके परिवारों और सेवा में तैनात पुलिसकर्मियों ने पुलिस मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन कर पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से उन वकीलों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया जो तीस हजारी अदालत में हिंसक घटना के लिए जिम्मेदार हैं।
हाथ से लिखी तख्तियां और रिटायर्ड पुलिस वेलफेयर का बैनर पकड़े प्रदर्शनकारियों (protestors) ने आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय (Police Head Headquarters) के सामने प्रदर्शन किया।
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दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने प्रदर्शनकारी पुलिस कर्मियों (Police protestors)से काम पर लौटने का आग्रह किया है और कहा है कि उन्हें एक अनुशासित फोर्स की तरह व्यवहार करना चाहिए।
पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों (Protestors) को संबोधित करते हुए, पटनायक ने कहा सरकार और लोगों को उम्मीद है कि पुलिस कानून को हाथ में नहीं लेगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसपी गर्ग के तत्वावधान में न्यायिक जांच का आदेश दिया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला करने, दो अधिकारियों को निलंबित करने और तीन घायल वकीलों को मुआवजा देने का आदेश दिया है।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने पुलिस.और वकीलों के इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
पुलिस प्रदर्शनकारियों (Police protestors) की मांग है कि घायल पुलिस कर्मियों का इलाज कराया जाय तथा जिम्मेदार वकीलों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
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