बांदा, 21 नवंबर | अजब-गजब के कारनामे करने में माहिर उत्तर प्रदेश के बांदा पुलिस ने रविवार को एक नेक काम कर दिखाया। पुलिस ने दो वक्त की रोटी के लिए तरसती एक बुजुर्ग मां की मदद कर लोगों को इंसानियत का पाठ पढ़ाया है।
हुआ यूं कि बांदा शहर मुख्यालय के इन्दिरा नगर में रहने वाली चार बेटों की 85 साल की बुजुर्ग मां कृष्णा देवी मुहल्ले में बासी-तेवासी रोटी के अलावा तन ढकने के लिए एक गज कपड़े के लिए मारी-मारी घूम रही थी। किसी ने यह सूचना नगर कोतवाली पुलिस को दे दी। बस कोतवाल ने सिपाही भेज कर बुजुर्ग महिला को अपने पास बुलाया। उसकी बीती सुन कर उसके तीन बेटों को तलब कर लिया। महिला का चौथा बेटा छतरपुर में रहता है और गरीब है, लिहाजा उसे पुलिस ने नहीं बुलाया।
पुलिस के अनुसार, सभी तीन बेटों के बीच तय किया गया कि वे चार-चार माह अपनी मां को भोजन व कपड़ा देंगे और उसकी देख-रेख करेंगे।
शहर कोतवाल के.पी. सिंह ने सोमवार को बताया, “उन्हें किसी ने फोन पर बताया था कि एक बुजुर्ग महिला ठंढ से ठिठुर रही है और उसके बेटे उसे भोजन तक नहीं देते हैं। इस पर सिपाही भेज कर कृष्णा देवी को कोतवाली लाया गया, और इसके बाद बांदा में मौजूद उसके तीन बेटे भी तलब किए गए। महिला के चार बेटे हैं, जिनमें सबसे बड़े जगदीश गुप्ता (62) सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी है, दूसरे हरि गुप्ता (50) सीमेंट की दुकान चलाते हैं, तीसरे प्रेम कुमार गुप्ता (45) छतरपुर में कोई निजी नौकरी करते हैं, और चौथे ओम प्रकाश गुप्ता (42) बांद में ही निजी नौकरी करते हैं।”
कोतवाल ने कहा, “तय हुआ कि बुजुर्ग मां को तीनों बेटे बारी-बारी से अपने साथ रख कर चार-चार माह तक भोजन, कपड़ा देंगे और उसकी देख-रेख करेंगे।”
पुलिस की ओर से महिला को दो साड़ी, एक कंबल और एक शॉल दिया गया है। पुलिस द्वारा की गई बुजुर्ग महिला की मदद की काफी लोगों ने सराहना की है।
====आर. जयन
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