मध्यप्रदेश में गौवंश के संरक्षण के लिए नगरीय निकाय (Urban bodies) अपनी नजदीकी उन्नत गौशाला (Gaushala) के साथ एमओयू करेंगे।
गौशाला के पास ही गोबर गैस और जैविक खाद प्लांट लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा।
गौशाला में शहर के आवारा पशुओं (stray cattle) को भी रखने की व्यवस्था की जायेगी। इसके लिये शासन द्वारा इन्हें अनुदान दिया जायेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने सूखी सेवनिया के पास ग्राम डूब बरखेड़ी (Doob Berkhedi village) में गौशाला और जैविक खाद के प्लांट के निरीक्षण के दौरान यह बात कही।
सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से स्व.सहायता समूहों का गठन कर गौशाला (Gaushala) संचालन के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
जैविक खाद और गोबर गैस प्लांट के लिए बिजली बिल में अनुदान देने के बारे में भी विचार किया जायेगा।
स्थानीय प्रशासन गौशाला के उत्पाद जैसे जैविक खाद, गौनाइल और गौकाष्ठ की बिक्री में भी मदद करेगा।
गौशाला में शेड निर्माण, भूसा गोदाम आदि के लिये शासकीय योजनाओं में मदद दी जायेगी।
पतंजलि खरीदता है जैविक खाद
श्री दयोदय ऊर्जा एवं जैविक खाद प्लांट के संचालक ने बताया कि प्लांट में उत्पादित जैविक खाद पतंजलि संस्थान द्वारा खरीदी जा रही है।
बायोगैस संयंत्र में प्रतिदिन 75 टन गोबर से 1200 किलोग्राम मैथेन गैस निकलती है, जिसे सिलेण्डर में भरकर व्यवसायिक उपयोग के लिये प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही 25 टन जैविक खाद बनती है।
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