मुंबई, 20 नवंबर | अमेरिकी ब्याज दरों में वृद्धि की अत्यधिक संभावनाओं और घरेलू शेयर बाजार से विदेशी पूंजी के बढ़ने से आगामी सप्ताह में रुपये में कमजोरी आ सकती है।
मुद्रा बाजार पर्यवेक्षकों के मुताबिक, आगामी सप्ताह में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 68.14 रुपये के मौजूदा स्तर से 68.60 रुपये के स्तर पर लुढ़क सकता है।
कोटक सिक्युरिटीज के करेंसी डेरिवेटिव्ज के उपाध्यक्ष अनिंद्य बनर्जी ने आईएएनएस से कहा, “अगले कुछ सप्ताह में अमेरिकी बांड यील्ड और डॉलर में वृद्धि की वजह से हम रुपये में 68.60-80 के स्तर तक कमजोरी देख सकते हैं।”
भारतीय रुपया शुक्रवार को अपने नौ महीनों के निचले स्तर तक टूट गया। यह अपने पिछले स्तर के 67.82 से 32 पैसे लुढ़ककर 68.14 पर रहा।
बनर्जी ने कहा, “पिछले कुछ सप्ताह में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष की ओर से की गई टिप्पणियों से अन्य विकासशील देशों की मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में मजबूती में मदद मिली।”
आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसिस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और फॉरेक्स एडवाइजरी के प्रमुख हिरेन शर्मा ने कहा, “जब डॉलर मजबूत होगा और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करेगा तभी रुपये में मजबूती आ सकती है। रुपया अपने 68.83 के अब तक के निचले स्तर से दूर नहीं है और निफ्टी भी इस निचले स्तर के बहुत पास है।”
अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं से शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट रही।
शेयर बाजार के शुक्रवार के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 988.93 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जबकि 18 नवंबर को समाप्त पूरे सप्ताह में विदेशी निवेशकों ने 6,221.11 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के आकंड़ों से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 6,666.11 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की।
–आईएएनएस
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