केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य की पुलिस इकाईयों को विद्रोह के खतरे से निपटते हुए लम्बा समय बीत चुका है। विद्रोह और आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नए और विकसित तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए।
यह बात पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास तथा प्रधानमंत्री कार्यालय राज्य मंत्री डाॅ. जितेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में होम लैंड सिक्योरिटी पर आयोजित छठे अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन में कही। सम्मेलन की थीम है ‘सुरक्षा के लिए समेकित दृष्टिकोण’ जबकि सत्र का विषय है ‘विद्रोह का मुकाबला करने में संचालन की चुनौतियां और समाधान।’
जम्मू एवं कश्मीर में विद्रोह की घटनाओं में कमी का उल्लेख करते हुए उन्होनें सुरक्षा मामलों में सुरक्षा बलों और खुफिया एजेन्सियों की उच्च कार्य कुशलता और तकनीकी प्रयासों की प्रशंसा की।
जितेन्द्र सिंह ने कहा कि नवीनतम शोधों के अनुसार विद्रोह से मुकाबले की प्रणाली को आवश्यकता के अनुरूप विकसित किया जाना चाहिए। विद्रोह से निपटने के लिए रणनीति बनाते समय राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं, क्षेत्र की स्थिति और स्थानीय जनसंख्या को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
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