देहरादून, 08 जून (जनसमा)। उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री और पलायन समाधान समिति के अध्यक्ष सतपाल महाराज ने बुधवार को सचिवालय में पलायन के समाधान के बारे में विभागीय सचिवों के साथ बैठक की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों से भी पलायन रोकने के सम्बंध में उनके सुझाव लिए।
गौरतलब है कि पहाड़ों से मैदानी क्षेत्रों में हो रहे पलायन को रोकने के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में पलायन समाधान समिति का गठन किया गया है। इस समिति में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य सदस्य हैं।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि चार धाम के कपाट बंद होने के बाद भी पड़ाव स्थलों पर पूजा होती रहती है। यमुनोत्री की पूजा खरसाली में, गंगोत्री की पूजा मुखबा में, केदारनाथ की पूजा ऊखीमठ में और बद्रीनाथ की पूजा पांडुकेश्वार में की जाती है। राज्य सरकार वर्षपर्यंत यात्रा को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही विंटर डेस्टीनेशन भी विकसित किये जा रहे हैं। साल भर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के आवागमन से स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
उन्होने कहा कि पर्यटक पुलिस की भर्ती भी की जायेगी। पर्यटकों को पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी देने की जिम्मेदारी पर्यटक पुलिस की होगी। इसके साथ ही विभागीय बजट में रोजगार सृजन का भी जिक्र होना चाहिए। उन्होने कहा कि पलायन को रोकने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि बुनियादी सुविधाओं की भी व्यवस्था पर्वतीय क्षेत्रों में होनी चाहिए। पलायन रोकने के लिए विभागीय सचिवों और जिलाधिकारियों से सुझाव लिए गये हैं।
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