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दिल्ली में रेहड़ी पटरीवालों को लाइसेंस देने के लिए गठित हुई वेंडिंग कमेटी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने वर्षों से लंबित रेहड़ी पटरीवालों (vendors) को लाइसेंस (license ) देने के लिए टाउन वेंडिंग कमेटी (Town Vending committee) का गठन किया  है।

स्ट्रीट वेंडर एक्ट (Street vendor act)के तहत वर्षों से लंबित था।  इस संबंध में दिल्ली सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

पूरी दिल्ली में 28 वेंडिंग कमेटी (Vending Committee) का गठन हुआ है। एक वेंडिंग कमेटी (Vending Committee) में तीस सदस्य होंगे।

इनमें पुलिस अधिकारी, यातायात पुलिस अधिकारी, टाउन प्लानर, बाजार एसोसिएशन पदाधिकारी, रेहड़ी-पटरी संचालक होंगे।

ज्यादातर टाउन वेंडिंग कमेटी (Vending Committee) के सदस्यों का चयन हो गया है। अब इस कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि वह दिल्ली में रेहड़ी-पटरी वालों का सर्वे होगा।

सर्वे के बाद रेहड़ी पटरी वालों को सर्टिफिकेट आँफ वेंडिंग दिया जाएगा।

इस सर्टिफिकेट के आधार पर ही आगे लाइसेंस दिया जाएगा। जिसके बाद उन्हें पुलिस और एमसीडी दुकान का संचालन करने से रोक नहीं सकती है।

सभी नगर निगम को करना है सर्वे
टाउन वेंडिंग कमेटी (Vending Committee) गठन का नोटिफिकेशन होने के बाद नगर निगम को रेहड़ी पटरी संचालकों का सर्वे करना है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीनों निगमों के अधिकारियों को जल्द से जल्द सर्वे प्रारंभ करने को कहा है।

कमेटी करेगी तय कहां होगा रेहडी पटरी का संचालन
सर्वे का काम पूरा होने के साथ ही वेंडरों को सर्टिफिकेट देने का काम भी पूरा हो जाएगा। डीडीए से मंजूरी के बाद सरकार रेहड़ी पटरी संचालकों को लाइसेंस देगी। लाइसेंस में इस बात का जिक्र होगा कि रेहड़ी पटरी का संचालन कहां होगा। सर्टिफिकेट में संचालक की ओर से बेचे जाने वाले सामान की जानकारी भी होगी। साथ ही जोन और लोकेशन के बारे में विस्तार से डिटेल होगी। संचालक के नाम, पता, परिवार के सदस्यों के नाम समेत पूरी जानकारी भी होगी।

सर्वे में यह ली जाएगी जानकारी
– दिल्ली में किस क्षेत्र में कितने रेहड़ी पटरी संचालक हैं।
– सभी रेहड़ी पटरी संचालक की विस्तृत जानकारी
– वह किस तरह के दुकान का संचालन कर रहे हैं।
– दुकान पर कितने लोग आते हैं।
– किस क्षेत्र में कितने दुकानों की आवश्यकता है।
– किन जगहों पर रेहड़ी पटरी का संचालन होना चाहिए।

इंटरनेशनल मानक के खोंखे देने की योजना
दिल्ली सरकार की योजना है कि पूरी दिल्ली में रेहड़ी पटरी संचालकों को इंटरनेशनल मानक का खोखा दिया जाए। जिसमें सोलर लाइट की व्यवस्था होगी। कूड़ेदान की व्यवस्था होगी। उनका डिजाइन एक जैसा होगा। जिससे वह देखने में भी काफी खुबसूरत लगें।

दिल्ली की लाइफ लाइन हैं रेहड़ी पटरी
किसी भी बड़े शहर में आज रेहड़ी पटरी लाइफ लाइन हो गई हैं । साथ ही यह शहर के विकास और रोजगार देने का बड़ा साधन बनकर उभरे हैं।

हांगकांग जैसे दुनिया के बड़े शहरों में भी स्ट्रीट वेंडर्स हैं। वह विकास में बड़ा योगदान दे रहे हैं। साथ ही शहर की लाइफ लाइन बने हैं। दिल्ली में भी ऐसा ही है।

यहां के लोगों की दैनिक आवश्यकता पूरी करने के साथ रेहड़ी पटरियों से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। आलम यह है कि एक दिन के लिए भी रेहड़ी पटरी को हटा दिया जाए तो सब्जी से लेकर कई जरूरी सामना घर में आने बंद हो जाएंगे। एक तरह से सामान्य जन-जीवन ठप हो जाएगा।

दिल्ली पहला राज्य जिसने रेहड़ी पटरी संचालकों को दिया सम्मान
पूरे देश में दिल्ली पहला राज्य है, जिसने रेहड़ी पटरी संचालकों के सम्मान के विषय में सोचा और कानूनी रुप दिया। अभी तक यह व्यवस्था हांगकांग समेत दुनिया के कुछ बड़े शहरों में थी।