नई दिल्ली, 18 अगस्त | केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर पर कांग्रेस नेताओं का बयान यह दर्शाता है कि पार्टी न केवल इस मुद्दे पर बुरी तरह विभाजित है, बल्कि पूर्णत: राजनीतिक अवसरवाद से प्रेरित भी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बयान पर सवाल उठाते हुए नायडू ने कहा, “पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), कांग्रेस व नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के साथ आने से उनका मतलब क्या है? क्या वे राज्य की निर्वाचित सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं?”
चिदंबरम ने कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर में संकट से निपटने के लिए पीडीपी को कांग्रेस व नेकां से साथ हाथ मिलाना चाहिए।
यह पूछते हुए कि कांग्रेस कश्मीर में पाकिस्तान को क्यों निर्दोष ठहराना चाहती है, नायडू ने कहा, “मैं उनसे संवेदनशीलता बरतने, यथार्थवादी बनने और इसी के अनुरूप बोलने की अपील करता हूं।”
उन्होंने कहा, “कश्मीर मुद्दे पर कांग्रेस विभाजित है। उनकी पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं जैसे पी.चिदंबरम, कपिल सिब्बल तथा सलमान खुर्शीद के बयानों को अस्वीकार करती है। कांग्रेस के ये बयान और विरोधाभास परिपक्वता की कमी और राजनीतिक अवसरवाद दर्शाते हैं।”
नायडू ने कहा कि पाकिस्तान और जम्मू एवं कश्मीर पर कांग्रेस की नीति में एक ही निरंतरता है और वह है असंगति।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने कश्मीर मुद्दे पर एक बार फिर अपनी असंवेदनशीलता दिखाई है। इसके अपने नेताओं के बीच तालमेल नदारद है। इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस नेता राष्ट्र हित नहीं, बल्कि राजनीतिक अवसरवाद से प्रेरित हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए गए भाषण में बलूचिस्तान के जिक्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खुर्शीद ने कहा था कि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर हमारा दावा बर्बाद कर देगा।
कपिल सिब्बल ने कहा था कि बलूचिस्तान के जिक्र के ‘नतीजे’ भुगतने होंगे।
कांग्रेस पार्टी ने हालांकि खुर्शीद व सिब्बल के बयानों से खुद को अलग कर लिया था। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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