आज गंगा का हाल देखकर रोना आता है : नीतीश

नई दिल्ली, 18 मई (जनसमा)। बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा गुरुवार को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित ‘गंगा की अविरलता में बाधक गाद : समस्या एवं समाधान’ विषय पर आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज गंगा का हाल देखकर रोना आता है। नदी के तल में जमा गाद पानी के प्रवाह में अवरोध पैदा करता है। गंगा की अविरलता सुनिश्चित किए बिना इसकी निर्मलता संभव नहीं है। यहां के  किया।

सम्मेलन में बड़ी संख्या में उपस्थित पर्यावरणविदों, विशेषज्ञों और गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, “गाद से जटिल समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों पर भी पड़ता है।”

नीतीश ने कहा, “गंगा की अविरलता मेरे लिए कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं है। यह बिहार के स्वार्थ से जुड़ा मुद्दा भी नहीं है। यह राष्ट्र से जुड़ा मुद्दा है। यह प्रकृति एवं पर्यावरण से जुड़ा मुद्दा है। गंगा की अविरलता को कायम रखने के लिए कदम उठाना ही पड़ेगा।”

मुख्यमंत्री ने इस सम्मेलन एवं विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा, “इसका आयोजन 25-26 फरवरी को पटना में गंगा की अविरलता विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आए विशेषज्ञों के द्वारा प्रस्तुत शोधपत्रों के निष्कर्ष के बाद आगे की कार्रवाई के लिए रूपरेखा तय करने के लिए किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पर्यावरणविद् एवं नदी के विशेषज्ञ गाद से उत्पन्न जटिल समस्याओं के समाधान के तरीको को ढूढ़ेंगे, ताकि नदी अविरलता के लिए कार्यक्रम तय किया जा सके।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “अपने बचपन के दिनों में मैं गंगा नदी से पानी भरकर लाया करता था। उस समय गंगा का जल काफी स्वच्छ था। आज स्थिति बदल गई है। गंगा का प्रवाह मार्ग गाद से पट गया है। फरक्का बराज के बनने के बाद इसके उर्ध्व भाग में निरंतर गाद सालों साल जमा होता रहा है, जिसके कारण बाढ़ का पानी बक्सर, पटना तथा भागलपुर तक काफी दिनों तक रुका रहता है। यह बाढ़ बिहार में जलजमाव एवं काफी तबाही मचाता है, जिससे राज्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रत्येक साल काफी नुकसान होता है। 2016 में बिहार में आई बाढ़ की विभीषिका इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।”

उन्होंने कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य को पांच सालों में कटाव-निरोधक कार्यो पर 1058 करोड़ रुपया खर्च करना पड़ा है। गंगा नदी की निर्मलता एवं डॉल्फिन में सीधा संबंध है। केंद्र सरकार को गाद प्रबंधन के लिए एक अच्छी नीति बनानी चाहिए।

सम्मेलन को सांसद जयराम रमेश, सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी. गोपाल गौड़ा, स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद, प्रो. जी.डी. अग्रवाल, सांसद हरिवंश, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, एस.एन. सुब्बाराव सहित अन्य ने संबोधित किया।

(फाइल फोटो)