मुंबई, 27 अप्रैल। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता विनोद खन्ना नहीं रहे। वह 70 वर्ष के थे। हाल ही में उनकी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें वह बेहद कमजोर नजर आ रहे थे। उन्हें एक महीने पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कैंसर था। हालांकि परिवार ने इस बारे में अब तक कुछ नहीं कहा है। गुरुवार को विनोद खन्ना के निधन की जानकारी मिलते ही उनके फैन्स समेत पूरे फिल्म जगत में मातम सा छा गया।
एक समय था जब हर लड़का 70 और 80 के दशक के इस हीरो की तरह लगना चाहता था। चाहे उनके बाल हों या उनके कपड़े पहनने का अंदाज हर कोई विनोद खन्ना की तरह दिखना चाहता था।
खन्ना के एक पारिवारिक मित्र ने उनके निधन की जानकारी दी। खन्ना के परिवार में उनके अभिनेता बेटे अक्षय खन्ना व राहुल खन्ना, पत्नी कविता और बेटा साक्षी तथा बेटी श्रद्धा हैं। अक्षय व राहुल, विनोद खन्ना की पूर्व पत्नी गीतांजलि से उनके बेटे हैं।
खन्ना पंजाब में गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद थे। वह इस सीट से चौथी बार सांसद थे। वर्ष 1969 में छोटी भूमिकाओं से अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता ने इसके बाद कई सफल फिल्में दीं।
बॉलीवुड में उन्होंने ‘मेरे अपने’, ‘इंसाफ’, ‘परवरिश’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘कुर्बानी’, ‘दयावान’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘चांदनी, द बर्निग ट्रेन’ तथा ‘अमर, अकबर, एंथनी’ जैसी फिल्मों में काम किया था।
पेशावर (अब पाकिस्तान में) में एक व्यापारिक परिवार में जन्मे खन्ना ने मुंबई में सेंट मैरी स्कूल और दिल्ली में सेंट जेवियर्स हाई स्कूल तथा दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने नासिक के बार्नेस स्कूल में अपनी पढाई पूरी की।
उन्होंने मुंबई के सिद्धेहम कॉलेज से बीकॉम में किया। खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत छोटी भूमिकाओं से की और नायक के रूप में सफल होने से पहले कई नकारात्मक भूमिकाएं निभाईं।
करियर की ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद खन्ना ने अचानक 1982 में संन्यास ले लिया और भगवान रजनीश के अनुनायी बन गए तथा पांच वर्ष तक पुणे में रहे। उन्होंने 1987 में बॉलीवुड में वापसी की और इसके बाद वह राजनीति में शामिल हुए।
खन्ना वर्ष 1998 में पहली बार गुरदासपुर से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 1999 और 2004 के आम चुनावों में भी वह इस सीट से निर्वाचित हुए। लेकिन 2009 में वह कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा से हार गए। हालांकि वर्ष 2014 में वह एक बार फिर इस सीट से जीत गए।
उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री और फिर विदेश राज्य मंत्री बनाया गया। उन पर हालांकि अपने संसदीय क्षेत्र से लगातार अनुपस्थित रहने का आरोप लगा, पर वह अपने क्षेत्र में लगातार लोकप्रिय रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करते हुए एक्टर विनोद खन्ना को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि विनोद खन्ना को हम हमेशा एक पापुलर एक्टर, समर्पित नेता और बहुत ही अच्छे इंसान के रूप में याद करेंगे। उनके अपनों की इस दुखद खड़ी में मेरी सहानुभूति उनके साथ।
(फाइल फोटो)
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